प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कानपुर दौरा रद्द, पहलगाम आतंकी हमले के शोक में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार, 24 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के कानपुर का निर्धारित दौरा रद्द कर दिया है। यह निर्णय जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना को देखते हुए लिया गया। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जिनमें कानपुर के शुभम द्विवेदी भी शामिल थे। इस हमले ने देश को हिला कर रख दिया है, और प्रधानमंत्री मोदी ने इस शोकपूर्ण समय में कानपुर में होने वाले कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है।

कानपुर कार्यक्रम का महत्व

प्रधानमंत्री मोदी को 24 अप्रैल को कानपुर में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करना था। ये परियोजनाएं कानपुर के विकास के लिए महत्वपूर्ण थीं और इससे लाखों लोगों को रोजगार के अवसर मिलने थे। इस कार्यक्रम में कई अहम पहलुओं पर चर्चा होनी थी, लेकिन शोक और संवेदना की इस घड़ी में प्रधानमंत्री ने इसे रद्द करने का निर्णय लिया।

पहलगाम आतंकी हमले की हकीकत

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए हैं, जिसमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। इस हमले में कानपुर के शुभम द्विवेदी की भी गोली लगने से मौत हो गई। शुभम द्विवेदी का नाम इस हमले में सामने आया, और यह दुखद खबर कानपुरवासियों के लिए शोक का कारण बनी। इस हमले में खासतौर पर कर्नाटक और बेंगलुरु के नागरिकों को निशाना बनाया गया।

आतंकी हमले का तरीका यह साफ करता है कि यह हमला केवल किसी विशिष्ट लक्ष्य को निशाना बनाने के लिए नहीं, बल्कि एक सुनियोजित आतंकवादी साजिश का हिस्सा था। आतंकवादियों ने पर्यटकों को लक्षित किया, जिससे भारत की पर्यटन छवि को नुकसान पहुँचाया जा सके।

प्रधानमंत्री का संवेदनशील कदम

प्रधानमंत्री मोदी का कानपुर दौरा रद्द करने का निर्णय इस बात का प्रतीक है कि सरकार अपने नागरिकों की भावनाओं को समझती है और किसी भी शोकपूर्ण घटना के समय में संवेदनशीलता के साथ कदम उठाती है। प्रधानमंत्री ने इस घटना के बाद अपनी सऊदी अरब यात्रा को भी बीच में छोड़ने का निर्णय लिया और वापस भारत लौटकर स्थिति का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री कार्यालय की मदद

जम्मू और कश्मीर सरकार ने मृतकों और घायलों के परिवारों के लिए अनुग्रह राशि घोषित की है। मुख्यमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, जिन परिवारों के सदस्य इस हमले में मारे गए हैं, उन्हें 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। वहीं, गंभीर रूप से घायलों के लिए 2 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों के लिए 1 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।

यह कदम इस बात को दर्शाता है कि राज्य सरकार शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाओं का इज़हार कर रही है और किसी भी तरह से उनकी मदद करने की कोशिश कर रही है। यह राशि निश्चित रूप से उन परिवारों को कुछ सांत्वना दे सकती है, जिन्होंने इस हमले में अपने प्रियजनों को खो दिया है।

जांच एजेंसियों की कार्रवाई

हमले के बाद, जांच एजेंसियों ने इस हमले में संलिप्त आतंकियों की पहचान करने के लिए तेजी से काम किया। उन्होंने चार आतंकवादियों के स्केच जारी किए हैं, और सुरक्षा बलों द्वारा आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की गहन जांच कर रही हैं, ताकि दोषियों को पकड़कर न्याय के कठघरे में खड़ा किया जा सके।

भारत सरकार का कड़ा रुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और भी मजबूत करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और तेज करेगा और ऐसे हमलों को नाकाम करने के लिए हर संभव कदम उठाएगा। इसके अलावा, गृह मंत्री अमित शाह भी जम्मू-कश्मीर में स्थिति का जायजा लेने के लिए पहुंचे, और उन्होंने वहां के अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए कि इस प्रकार के हमलों को नाकाम करने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाए।

शोक और पुनर्निर्माण की दिशा में कदम

इस प्रकार की घटनाएं केवल हमारी सुरक्षा को चुनौती नहीं देतीं, बल्कि यह हमारी सहनशीलता और एकता की परीक्षा भी होती हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दुखद समय में भारतीय जनता से शांति बनाए रखने और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया है।

इसके साथ ही, जम्मू-कश्मीर और भारत के अन्य हिस्सों में सुरक्षा और शांति स्थापित करने के लिए सभी राज्य और केंद्र सरकारों को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है। भारतीय सेना और पुलिस बलों को इस आतंकवाद के खिलाफ और भी मजबूती से कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

यह समय शोक और संवेदना का है, लेकिन यह भी समय है जब हम एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ मजबूत कदम उठाएं। प्रधानमंत्री मोदी और राज्य सरकार के निर्णय से यह साबित होता है कि हमारी सरकार अपने नागरिकों के साथ खड़ी है और किसी भी आतंकी हमले का जवाब देने के लिए तैयार है।

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