भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 24-25 जून को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन का दौरा करेंगे। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव अभी भी बना हुआ है। इस बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की मौजूदगी भी चर्चा का विषय है। राजनाथ सिंह का यह पहला चीन दौरा होगा, जिसमें उनकी चीनी समकक्ष एडमिरल डोंग जून के साथ द्विपक्षीय वार्ता की संभावना है। यह दौरा भारत-चीन संबंधों को बेहतर बनाने और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अहम माना जा रहा है।
SCO बैठक का महत्व
SCO में भारत, चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस जैसे देश शामिल हैं। भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके पूर्ण सदस्य बने थे। यह बैठक मई 2025 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुई सैन्य झड़प के बाद हो रही है, जिसे भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत अंजाम दिया था। इस दौरान पाकिस्तान ने चीन निर्मित J-10 लड़ाकू विमान, PL-15 मिसाइलें और HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया था। चीन और पाकिस्तान की सैन्य साझेदारी ने क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ाया है।
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LAC पर तनाव और भारत की चिंताएं
भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी LAC पर तनाव कम नहीं हुआ है। पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में अक्टूबर 2024 में सैनिकों के पीछे हटने के बाद भी स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हुई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन अपनी सैन्य तैनाती और बुनियादी ढांचे को LAC पर लगातार मजबूत कर रहा है। चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) भारी हथियारों के साथ तैनात है। इस स्थिति में राजनाथ सिंह का दौरा LAC पर शांति और स्थिरता के लिए उपायों पर चर्चा का अवसर प्रदान करेगा।
भारत-चीन संबंधों में सुधार की कोशिश
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में कहा था कि LAC पर शांति और स्थिरता दोनों देशों के लिए जरूरी है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत और चीन को एक-दूसरे की चिंताओं का सम्मान करना चाहिए। राजनाथ सिंह की चीनी रक्षा मंत्री के साथ संभावित वार्ता में LAC पर तनाव कम करने, विश्वास बहाली और सैन्य टकराव से बचने पर जोर दिया जा सकता है। यह दौरा दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर विश्वास का माहौल बनाने की दिशा में एक कदम हो सकता है।
पाकिस्तान की मौजूदगी और क्षेत्रीय गतिशीलता
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की SCO बैठक में भागीदारी भी इस दौरे को और महत्वपूर्ण बनाती है। भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव को देखते हुए यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या राजनाथ सिंह और ख्वाजा आसिफ के बीच कोई बातचीत होती है। पाकिस्तान की चीन से बढ़ती सैन्य साझेदारी, जिसमें J-35A स्टील्थ जेट और HQ-19 मिसाइल सिस्टम की खरीद शामिल है, भारत के लिए चिंता का विषय है।
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