केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के भुज में वायुसेना के एयरबेस पर सैनिकों को संबोधित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत नीति और संकल्प को दोहराया। ऑपरेशन सिंदूर के बाद उनका यह पहला दौरा था, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि यह ऑपरेशन अभी समाप्त नहीं हुआ है, बल्कि यह तो केवल एक “ट्रेलर” था। सही समय आने पर भारत आतंकवाद को पूरी तरह से नेस्तनाबूद करने की “फिल्म” दुनिया को दिखाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर: शौर्य और संकल्प का प्रतीक
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “आपके पराक्रम ने दिखा दिया है कि यह सिंदूर श्रृंगार का नहीं, शौर्य का प्रतीक है। यह सौंदर्य नहीं, संकल्प का प्रतीक है। यह वह लाल लकीर है, जो भारत ने आतंकवाद के माथे पर खींच दी है।” उन्होंने इस ऑपरेशन को देश की एकजुटता का प्रतीक बताते हुए कहा कि इस लड़ाई में सरकार, सेना और हर भारतीय नागरिक सिपाही की तरह शामिल रहा। रक्षामंत्री ने उन परिवारों को भी नमन किया, जिन्होंने अपने बच्चों को देशसेवा के लिए बिना हिचक समर्पित किया।
जैसे को तैसा: भारत की नीति
रक्षामंत्री ने भारत की विदेश नीति को “सठे साठ्यम समाचरते” यानी “जैसे को तैसा” के सिद्धांत पर आधारित बताया। उन्होंने कहा, “हमने शांति के लिए अपना दिल खोलकर रखा है, लेकिन शांति भंग करने वालों के लिए हमारा हाथ भी खुला है।” उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि फिलहाल सीजफायर के तहत उसे “प्रोबेशन” पर रखा गया है। यदि उसका व्यवहार खराब हुआ, तो भारत कड़ा कदम उठाने से नहीं हिचकेगा।

आतंकवाद अब राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा
राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अब केवल सुरक्षा का मुद्दा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय रक्षा का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। उन्होंने कहा, “हम इसे जड़ से खत्म करेंगे। अब भारत पहले का भारत नहीं है, यह नया भारत है, जो अपने आराध्य श्रीराम के रास्ते पर चल रहा है। जैसे श्रीराम ने राक्षसों को धरती से समाप्त करने का प्रण लिया था, वैसे ही हम आतंकवाद को खत्म करने का संकल्प लेते हैं।”
पाकिस्तान और आतंकी फंडिंग पर सवाल
रक्षामंत्री ने पाकिस्तान पर आतंकी ढांचे को फिर से खड़ा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को 14 करोड़ रुपये की फंडिंग दे रही है, जो पाकिस्तानी नागरिकों के टैक्स से आता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि आईएमएफ द्वारा दी गई राशि का इस्तेमाल आतंकी ढांचे को मजबूत करने में हो रहा है। उन्होंने अपील की कि आईएमएफ पाकिस्तान को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से फंडिंग देने से बचे।
नए भारत का उदय
अपने संबोधन के अंत में राजनाथ सिंह ने नए भारत के उदय पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत अब कमजोर नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली राष्ट्र है, जो अपने हितों की रक्षा के लिए हर कदम उठाने को तैयार है। ऑपरेशन सिंदूर को उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ता का प्रतीक बताया और कहा कि जब समय आएगा, भारत पूरी दुनिया को अपनी ताकत दिखाएगा।
यह संबोधन न केवल वायुसेना के जवानों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है। राजनाथ सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और तेज करेगा और इसे जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
संबंधित पोस्ट
तेजस्वी यादव पर BJP का हमला: वक्फ कानून की आड़ में ‘नमाजवाद’ का आरोप
करोड़ों की नौकरी छोड़कर जैन साधु बने प्रकाश शाह: मुकेश अंबानी के करीबी VP की प्रेरणादायक कहानी
अमित शाह ने निजामाबाद में नेशनल हल्दी बोर्ड का मुख्यालय किया उद्घाटित: किसानों के लिए खुशखबरी