देश की राजनीति में फिर से एक बार गरमागरम बयानबाजी देखने को मिल रही है। बीजेपी के नेता आरपी सिंह ने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर तंज कसा है और कहा है कि “ओवैसी साहब हमेशा आधी बातें करते हैं, पूरी बातें नहीं बताते।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि वे बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की उन बातों को गिनाना शुरू कर दें, जो उन्होंने मुसलमानों के बारे में कही थीं, तो ओवैसी साहब शायद एक मिनट भी खड़े नहीं रह पाएंगे। इस बयान ने राजनीति में नई बहस छेड़ दी है।
संविधान और हिंदू राष्ट्र पर आरपी सिंह का पक्ष
आरपी सिंह ने संविधान की अहमियत पर जोर देते हुए कहा, “यह देश हिंदू राष्ट्र नहीं होगा, बल्कि पूरी तरह संविधान के तहत चलेगा।” उनका यह बयान उस बहस के बीच आया है जिसमें अक्सर यह कहा जाता है कि देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने इसे पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि देश की असली गाइडलाइन संविधान है और कोई भी विचारधारा इससे ऊपर नहीं हो सकती।
इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ और राजनीतिक गरमाहट
इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर हुए एक कार्यक्रम में भी सियासत गरमाई। उस दौरान दत्ता जी ने इमरजेंसी के समय संविधान के प्रीएम्बल (Preamble) में हुए बदलाव पर चर्चा की बात कही। यह बात विपक्ष को नागवार गुजरी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस पर निशाना साधते हुए कहा, “जब-जब इमरजेंसी की बात होती है, तब-तब आरएसएस और बीजेपी का असली चेहरा सामने आता है।”
आरपी सिंह ने इसका जवाब देते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा कि “राहुल गांधी को चर्चा की आदत नहीं है। वे वंशवादी हैं। उनकी दादी इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाई थी, इसलिए वे इस पर चर्चा से बचते हैं।” यह बयान भी राजनीतिक वाद-विवाद का केंद्र बन गया।
आरजेडी और बीजेपी के बीच तकरार
इसी दौरान, आरजेडी ने भी एक बयान जारी करते हुए कहा कि “यह देश संविधान से चलेगा, आरएसएस के ज्ञान से नहीं।” इस पर बीजेपी नेता आरपी सिंह ने पलटवार किया कि “आरएसएस कोई ज्ञान नहीं दे रहा है, बस यह चाहता है कि इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा हो। अब चर्चा से डरना क्यों?”
मीसा भारती पर निशाना
सबसे दिलचस्प और विवादित बात तब हुई जब आरपी सिंह ने कांग्रेस नेता मीसा भारती पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनका नाम ‘मीसा’ इसलिए रखा गया क्योंकि वे इमरजेंसी के दौरान पैदा हुई थीं। लेकिन आज वही लोग इमरजेंसी के समर्थन में खड़े हैं। इस बयान ने राजनीतिक बहस को और भी जोरदार बना दिया।
देश की राजनीति में यह बयानबाजी दर्शाती है कि इमरजेंसी जैसे संवेदनशील मुद्दे आज भी राजनीतिक पार्टियों के लिए ज़रूरी हैं। आरपी सिंह का यह बयान न केवल AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ है, बल्कि कांग्रेस और आरजेडी को भी निशाने पर लेता है। अब जनता के सामने सवाल है — क्या ओवैसी सच में आधी बातें करते हैं? क्या राहुल गांधी इमरजेंसी पर खुलकर बात करने से बचते हैं? और क्या देश वास्तव में संविधान के आधार पर ही चलेगा?
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