केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सोमवार को मध्य प्रदेश के अशोकनगर ज़िले के दौरे पर थे लेकिन इस बार उनका अंदाज़ कुछ अलग था। चंदेरी के कार्यक्रम के बाद वे सीधे पहुंचे आदिवासी बहुल गांव ‘काटीटोर’, जहां चल रही थी एक जीवंत ग्राम चौपाल — और उसी मंच पर हुआ ‘सहारा नृत्य’।
लाल दुपट्टा कमर में, मोर पंख हाथ में सिंधिया बने एक आम ग्रामीण
गांव की चौपाल में पहुंचे सिंधिया ने राजनीतिक भाषणों से ज़्यादा दिल से संवाद किया। आदिवासी कलाकारों के साथ पारंपरिक ‘सहारा नृत्य’ में शामिल होकर उन्होंने न सिर्फ मंच साझा किया, बल्कि उनकी संस्कृति का आदर भी किया।
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ग्राम चौपाल में क्या हुआ?
ग्राम चौपाल में सिंधिया ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं सरकारी योजनाओं की जानकारी दी स्थानीय स्कूल और सड़क की स्थिति पर अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए युवाओं से कहा सरकार आपकी है आपको ही आगे आना है…
संस्कृति से जुड़ाव या चुनावी रणनीति?
सिंधिया का यह अंदाज़ कुछ लोगों को भावुक कर गया, तो कुछ ने इसे चुनावी ज़मीनी तैयारी बताया। लेकिन एक बात तो तय है राजनेता जब जनसंस्कृति को अपनाते हैं, तो संवाद की दीवारें टूटती हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
कार्यक्रम का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। लोग लिख रहे हैं ऐसे नेता हों जो नाचना जानते हों, सिर्फ़ मंच से भाषण नहीं देते।
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