कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने भारत-पाकिस्तान तनाव में चीन की भूमिका पर स्पष्ट और कड़ा रुख अपनाया है। हाल ही में अमेरिका में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए, थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृष्टिकोण को विश्व के सामने रखा। अमेरिकी थिंक टैंक के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी टकराव में चीन की भूमिका को अनदेखा करना असंभव है। थरूर ने स्पष्ट किया कि चीन के पाकिस्तान में बड़े आर्थिक और सैन्य हित हैं, जिनमें चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) और 81% रक्षा उपकरणों की आपूर्ति शामिल है।
चीन-पाकिस्तान संबंध और भारत की चिंता
थरूर ने जोर देकर कहा कि चीन का बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा CPEC है, जो पाकिस्तान के साथ उसकी रणनीतिक साझेदारी को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के 81% रक्षा उपकरण, जिनमें कई आक्रामक हथियार शामिल हैं, चीन से आते हैं। जून 2020 की गलवान घाटी झड़प के बाद भारत-चीन संबंधों में तनाव बढ़ा था, लेकिन सितंबर से इसमें सुधार देखा गया। हालांकि, हाल के घटनाक्रमों ने स्थिति को फिर से जटिल कर दिया है। थरूर ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान के साथ किसी भी टकराव में चीन की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, खासकर जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) जैसे मंचों पर चीन पाकिस्तान का समर्थन करता है।
पाकिस्तान को भारत की दो टूक
थरूर ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा, “अगर पाकिस्तान हमें अकेला छोड़ दे, तो हम भी उसे अकेला छोड़ने को तैयार हैं। लेकिन अगर वे फिर से उकसाते हैं या आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, तो भारत इसका कड़ा जवाब देगा।” उन्होंने यह भी बताया कि अप्रैल के पहलगाम हमले के बाद UNSC ने हमले की निंदा की थी, लेकिन चीन और पाकिस्तान की वजह से ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ का नाम हटा दिया गया, जिसने हमले की जिम्मेदारी ली थी। थरूर ने कहा कि भारत हमेशा बातचीत के रास्ते खुले रखता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह अपने धैर्य को हल्के में लेने देगा।
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भारत की रणनीतिक जवाबी कार्रवाई
काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में थरूर से पूछा गया कि पाकिस्तान द्वारा चीनी सैन्य उपकरणों के इस्तेमाल पर भारत क्या रुख अपना रहा है। उन्होंने बताया कि भारत ने युद्ध के दौरान ही चीनी तकनीक, जैसे ‘किल चेन’ (रडार, जीपीएस, विमान और मिसाइलों का एकीकृत सिस्टम) का मुकाबला करने के लिए रणनीति बदली। इस रणनीति के तहत भारत ने पाकिस्तान के 11 हवाई क्षेत्रों को निशाना बनाया और चीनी वायु रक्षा प्रणाली को भेदने में सफलता पाई। थरूर ने जोर दिया कि भारत अपनी रणनीति को लगातार अपडेट करता रहता है ताकि प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जा सके।
भारत की वैश्विक अपील
थरूर ने वैश्विक समुदाय से अपील की कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को गंभीरता से लिया जाए। उन्होंने कहा कि भारत शांति और बातचीत में विश्वास रखता है, लेकिन अपने हितों की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाने से भी नहीं हिचकता। भारत-चीन के बीच व्यापार भले ही रिकॉर्ड स्तर पर हो, लेकिन पाकिस्तान के साथ तनाव में चीन की भूमिका भारत के लिए चिंता का विषय है। थरूर का यह बयान न केवल भारत की कूटनीतिक दृढ़ता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत वैश्विक मंच पर अपनी बात को मजबूती से रख रहा है।
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