भारत में आधुनिक खेती की बढ़ती मांग के साथ स्पेशिएलिटी फर्टिलाइजर्स की खपत तेजी से बढ़ रही है। ये उर्वरक पारंपरिक खादों से ज्यादा असरदार होते हैं, क्योंकि ये खास फसलों, मिट्टी की जरूरतों और सिंचाई प्रणालियों के अनुसार बनाए जाते हैं। लेकिन अब चीन, जो भारत के लिए इन उत्पादों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है, ने पिछले दो महीनों से इनकी सप्लाई रोक दी है।
चीन की नीति और भारत पर असर
सॉल्युबल फर्टिलाइज़र इंडस्ट्री एसोसिएशन (SFIA) के अध्यक्ष राजिब चक्रवर्ती के अनुसार, चीन पिछले चार-पांच वर्षों से स्पेशिएलिटी फर्टिलाइजर्स की सप्लाई में रुकावट डालता रहा है, लेकिन इस बार उसने पूरी तरह रोक लगा दी है। हैरानी की बात यह है कि चीन ने यह प्रतिबंध सिर्फ भारत पर लगाया है, जबकि वह अन्य देशों को सप्लाई जारी रखे हुए है।
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन ने यह कदम भारत सरकार की कुछ नीतियों के जवाब में उठाया है, जैसे कि चीनी निवेश को मंजूरी के लिए सरकार की पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता। इसके अलावा सीमा पर लगातार बढ़ते तनाव और पाकिस्तान के साथ चीन के संबंध भी इस निर्णय के पीछे कारण हो सकते हैं।
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क्या हैं स्पेशिएलिटी फर्टिलाइजर्स?
स्पेशिएलिटी फर्टिलाइजर्स में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, वॉटर सॉल्युबल फर्टिलाइजर्स, कंट्रोल्ड और स्लो रिलीज फर्टिलाइजर्स, बायो-स्टिम्युलेंट्स, नैनो और ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर्स शामिल हैं। इन पर सरकार की सब्सिडी नहीं होती, लेकिन ये फसलों की गुणवत्ता और पैदावार बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। पर्यावरण पर इनका असर भी पारंपरिक खादों से कम होता है।
भारत के लिए क्या हैं विकल्प?
भारत अब स्पेशिएलिटी फर्टिलाइजर्स के लिए नए विकल्पों की तलाश कर रहा है। जॉर्डन, यूरोप और मध्य एशिया से आयात की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं, लेकिन समय पर सप्लाई और कीमतें एक बड़ी चुनौती हैं।
इसके अलावा, भारत में इन फर्टिलाइजर्स का निर्माण शुरू करने की जरूरत भी अब सामने आ रही है। अभी तक मांग कम होने की वजह से कंपनियों ने घरेलू उत्पादन पर ध्यान नहीं दिया था। लेकिन अब कई बड़ी कंपनियां, जैसे दीपक फर्टिलाइजर्स, पारादीप और नागार्जुन फर्टिलाइजर्स इस क्षेत्र में निवेश करने पर विचार कर रही हैं।
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