उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के खिलाफ बड़ा विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला। सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी विधानसभा मार्ग पर इकट्ठा हुए और सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाज़ी की। प्रदर्शनकारियों में मुख्य रूप से विपक्षी दलों के कार्यकर्ता, किसान संगठन, और युवा मोर्चा के सदस्य शामिल थे। इनका आरोप है कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार जनविरोधी फैसले ले रही है और राज्य में बेरोज़गारी, महंगाई, और किसान संकट जैसे मुद्दों की अनदेखी कर रही है।
क्या थे प्रदर्शन के मुख्य मुद्दे?
बेरोज़गारी दर में इज़ाफ़ा प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार ने युवाओं को रोज़गार देने के नाम पर सिर्फ़ घोषणाएँ की हैं, ज़मीनी हकीकत कुछ और है।
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किसानों की बदहाली
गन्ना किसानों के बकाया भुगतान, फसल बीमा की समस्याएं और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग को लेकर भी गुस्सा ज़ाहिर किया गया।
महंगाई पर नियंत्रण नहीं
रोज़मर्रा की चीज़ों के दाम आसमान छू रहे हैं, लेकिन सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही।
विपक्ष ने क्या कहा?
विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस प्रदर्शन को “जनता की आवाज़ बताया। सपा प्रवक्ता ने कहा, “सीएम रेखा गुप्ता केवल भाषणों और इवेंट्स की मुख्यमंत्री बन चुकी हैं। ज़मीनी मुद्दों पर कोई काम नहीं हो रहा।
प्रशासन की कार्रवाई
प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए थे। कई जगहों पर बैरिकेडिंग की गई थी और प्रदर्शनकारियों को काबू में रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। कुछ जगहों पर हल्का बल प्रयोग भी किया गया। पुलिस ने लगभग 50 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। राजनीतिक गलियारों में यह प्रदर्शन बड़ा संकेत माना जा रहा है । कि राज्य में असंतोष बढ़ रहा है। आने वाले चुनावों से पहले यह सरकार के लिए चेतावनी की घंटी हो सकती है।
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