हैदराबाद से आई इस खबर ने पूरे मीडिया जगत और तेलंगाना को हिला कर रख दिया है। जानी-मानी तेलुगू टीवी एंकर और पत्रकार स्वेच्छा वोटरकर अब हमारे बीच नहीं रहीं। शुक्रवार को हैदराबाद के चिक्कड़पल्ली इलाके स्थित उनके घर से उनका शव बरामद किया गया। 35 वर्षीया स्वेच्छा की अचानक मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना का विवरण:
बताया जा रहा है कि शुक्रवार दोपहर जब स्वेच्छा की छोटी बेटी स्कूल से लौटी तो बेडरूम का दरवाजा अंदर से बंद था। काफी देर तक खटखटाने के बावजूद जब कोई जवाब नहीं मिला, तो पड़ोसियों को बुलाया गया। दरवाज़ा तोड़ने पर स्वेच्छा को मृत अवस्था में पाया गया। प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या का मामला माना जा रहा है।
स्वेच्छा अपनी मां और बेटी के साथ अपार्टमेंट की पेंटहाउस फ्लोर पर रहती थीं। इस घटना ने उनके परिवार और करीबी लोगों को गहरे सदमे में डाल दिया है।
स्वेच्छा का करियर और पहचान:
स्वेच्छा वोटरकर सिर्फ एक जानी-मानी टीवी एंकर ही नहीं थीं, बल्कि एक प्रतिभाशाली लेखिका और साहसी पत्रकार भी थीं। उन्होंने तेलंगाना राज्य की जनता की आवाज़ को मुखरता से उठाया और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई।
प्रतिक्रिया और शोक संदेश:
तेलंगाना राष्ट्र समिति (BRS) के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव (KTR) ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया:
“स्वेच्छा वोटरकर की दुखद मौत की खबर से बेहद आहत हूं। वह निडर पत्रकार, लेखक और समर्पित तेलंगानाइट थीं। उनके परिवार, खासकर उनकी बेटी और मां के लिए मेरी गहरी संवेदनाएं। भगवान उन्हें इस गहरे सदमे को सहने की शक्ति दें।”
मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल:
स्वेच्छा की मौत ने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में फैली चुप्पी को फिर उजागर किया है। आज के दौर में लगातार बढ़ते तनाव, पेशेवर दबाव और अकेलेपन से जूझते हुए कई लोग अंदर से टूट जाते हैं।
इस घटना को एक चेतावनी के रूप में भी देखा जाना चाहिए कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर बातचीत और जागरूकता समय की मांग है।
पुलिस जांच जारी:
पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस स्वेच्छा के परिवार, करीबी मित्रों और सहकर्मियों से पूछताछ कर रही है ताकि किसी भी संदिग्ध एंगल को खारिज या साबित किया जा सके।
स्वेच्छा वोटरकर की आत्महत्या न सिर्फ मीडिया इंडस्ट्री के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक गहरी क्षति है। वह निडर, संवेदनशील और समर्पित पत्रकार थीं। हमें चाहिए कि ऐसे मामलों से सबक लेते हुए मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और अपने आसपास के लोगों के साथ सहानुभूति और संवाद बनाए रखें।
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