पहलगाम में आतंकियों ने घुड़सवारी कर रहे पर्यटकों पर दागी गोलियां, एक की मौत, सात घायल

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल) को हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।पर्यटन के लिए मशहूर पहलगाम में आतंकियों ने अचानक हमला कर दिया। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, दो से तीन आतंकी पुलिस की वर्दी में आए थे, ताकि वे सुरक्षा बलों को भ्रमित कर सकें। आतंकियों ने आम नागरिकों और पर्यटकों को निशाना बनाया। सूत्रों का दावा है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, और आतंकी संगठन टीआरएफ (द रेसिस्टेंस फ्रंट) की संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है। यह वही संगठन है जो घाटी में पहले भी कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका है।

अमरनाथ यात्रा से पहले बड़ा अलर्ट

आपको बता दें कि अमरनाथ यात्रा की शुरुआत पहलगाम से ही होती है, और इस बार ये यात्रा 3 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 को (रक्षाबंधन के दिन) समाप्त होगी। हर साल लाखों श्रद्धालु इस यात्रा में हिस्सा लेते हैं। ऐसे में यह हमला यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता पैदा करता है।

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कूटनीतिक हलचल के बीच हमला

 यह हमला ऐसे समय हुआ है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब के आधिकारिक दौरे पर हैं और अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत में मौजूद हैं। ऐसे में इस आतंकी हमले का उद्देश्य भारत की आंतरिक शांति को अस्थिर करना भी हो सकता है।

सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर

हमले के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को चारों ओर से घेर लिया है और तलाशी अभियान जारी है। पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है और स्थानीय लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है।

देश एकजुट – आतंक के खिलाफ कड़ा संदेश जरूरी

घाटी में ऐसे हमले न केवल देश की शांति को चुनौती देते हैं, बल्कि धार्मिक यात्राओं और पर्यटन पर भी असर डालते हैं। अब वक्त है कि इन साजिशों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाए और आतंकी नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जाए।

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