कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में अमेरिका का दौरा किया, जिसका उद्देश्य वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख को प्रस्तुत करना था। यह दौरा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की एक महत्वपूर्ण राजनयिक पहल है, जिसने न केवल सैन्य कार्रवाई के रूप में बल्कि प्रतीकात्मक रूप से भी विश्व का ध्यान खींचा है। यूएस के नेशनल प्रेस क्लब में आयोजित एक चर्चा के दौरान शशि थरूर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नामकरण और इसके पीछे के उद्देश्य को बेहद प्रभावशाली ढंग से समझाया।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ का प्रतीकात्मक महत्व
शशि थरूर ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम बहुत सोच-समझकर चुना गया है। उन्होंने हिंदू परंपरा में सिंदूर के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह विवाहित महिलाओं के लिए उनके वैवाहिक जीवन का प्रतीक है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने कई निर्दोष लोगों, विशेष रूप से विवाहित पुरुषों को निशाना बनाया, जिससे उनके परिवारों का सिंदूर, यानी उनकी खुशहाली, छिन गई। थरूर ने कहा कि इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर का बदला खून’ की तरह है, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को दर्शाता है। यह कार्रवाई न केवल सैन्य जवाब थी, बल्कि आतंकवाद से प्रभावित परिवारों के दर्द का प्रतीकात्मक प्रतिकार भी थी।
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पाकिस्तान पर सटीक सैन्य कार्रवाई
थरूर ने अमेरिकी नेताओं और वहां की जनता को भारत की सैन्य कार्रवाई के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के 11 एयरफील्ड्स पर सटीक हमले किए। इन हमलों का दायरा इतना व्यापक था कि पाकिस्तान ने भी स्वीकार किया कि भारत की कार्रवाई पेशावर तक पहुंची। थरूर ने यह भी स्पष्ट किया कि इस ऑपरेशन में दोनों पक्षों के नुकसान की जानकारी को गोपनीय रखा गया, जैसा कि सैन्य अभियानों में आमतौर पर होता है। हालांकि, भारत की कार्रवाई इतनी प्रभावी थी कि पाकिस्तान को ऑपरेशन रोकने की गुहार लगानी पड़ी।
चीन को भारत का कड़ा संदेश
शशि थरूर ने अमेरिका में यह भी उजागर किया कि पाकिस्तान ने इस संघर्ष में चीन द्वारा आपूर्ति किए गए हथियारों का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि भारत की सैन्य कार्रवाई ने न केवल पाकिस्तान को, बल्कि चीन को भी एक स्पष्ट संदेश दिया। भारतीय सेना ने चीन के रडार सिस्टम को भी पार कर लिया, जो ‘किल चेन’ रणनीति का हिस्सा था। यह कार्रवाई भारत की सैन्य क्षमता और आतंकवाद के खिलाफ उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
थरूर की यह राजनयिक पहल न केवल भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को वैश्विक मंच पर मजबूत करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत के साहस, रणनीति और प्रतीकात्मकता का एक अनूठा संगम है।
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