कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। मुद्दा था हाल ही में सेना द्वारा जारी किया गया ऑपरेशन सिंदूर का वीडियो और उसके पीछे की कथित नीति खेड़ा ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस ऑपरेशन के बारे में पाकिस्तान को पहले से सूचित किया, और इसे एक “गंभीर रणनीतिक गलती” बताया
क्या कहा पवन खेड़ा ने?
अगर सरकार ने पाकिस्तान को पहले ही ऑपरेशन की जानकारी दी, तो क्या अजहर मसूद और हाफिज सईद जैसे आतंकवादी पहले ही भाग नहीं जाते?
क्या राष्ट्रीय सुरक्षा का यह तरीका सही है, जहां पहले दुश्मन को बता दिया जाए?
प्रधानमंत्री मोदी चुप क्यों हैं? ‘सिंदूर का सौदा‘ कैसे और क्यों हुआ?
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राहुल गांधी के ट्वीट का हवाला
खेड़ा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हालिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट का भी हवाला दिया जिसमें उन्होंने विदेश मंत्री जयशंकर द्वारा दिए गए कथित बयान पर सवाल उठाए थे। राहुल गांधी ने पूछा था क्या भारत की सुरक्षा नीति अब पड़ोसी देशों की सहमति पर आधारित है?
जनता को जानने का अधिकार: खेड़ा
पवन खेड़ा ने साफ़ कहा देश को यह जानना चाहिए कि ऑपरेशन में कितने विमान नष्ट हुए, कितना नुकसान हुआ और कितने आतंकवादी बच निकले। यह जानकारी छिपाना नागरिकों के अधिकार का हनन है।
सरकार की ओर से अब तक क्या प्रतिक्रिया?
अब तक सरकार की ओर से इस आरोप पर कोई औपचारिक बयान नहीं आया है। ऑपरेशन सिंदूर को सेना ने सफल और रणनीतिक बताया था लेकिन अब विपक्ष की ओर से जो सवाल उठाए जा रहे हैं वे राजनीतिक बहस को एक नया मोड़ दे सकते हैं।
बड़ा सवाल क्या राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी सियासत होनी चाहिए?
जहां एक ओर सरकार इसे एक रणनीतिक सफलता मान रही है, वहीं विपक्ष इसे एक नीतिगत चूक कह रहा है। ऐसे में देश के नागरिकों के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वे तथ्यों को समझें और सवाल पूछने का लोकतांत्रिक अधिकार निभाएं।
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