मध्य पूर्व में ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव का असर अब अमेरिका की आंतरिक सुरक्षा तक पहुँच गया है। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने 23 जून को एक विशेष सुरक्षा बुलेटिन जारी कर देशवासियों को ‘बढ़े हुए खतरे के माहौल’ को लेकर चेताया है। यह अलर्ट ऐसे समय में जारी किया गया है जब अमेरिका और इज़राइल ने मिलकर ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों – फोर्डो, नतांज और इस्फहान – पर मिसाइल और हवाई हमले किए हैं।
क्यों जारी हुआ यह अलर्ट?
अमेरिका के इस ऐतिहासिक हमले को 1979 की ईरानी क्रांति के बाद इस्लामिक गणराज्य के खिलाफ सबसे बड़ा पश्चिमी सैन्य अभियान माना जा रहा है। इस हमले के एक दिन बाद ही ईरान ने इज़राइल पर जवाबी मिसाइल हमले किए, जिनमें तेल अवीव में दर्जनों लोग घायल हो गए। इस सैन्य गतिरोध का प्रभाव अब अमेरिका की घरेलू सुरक्षा पर भी पड़ने लगा है।
साइबर हमले का बढ़ता खतरा
DHS ने स्पष्ट किया है कि ईरान समर्थित हैकटिविस्ट और सरकारी साइबर इकाइयाँ अमेरिकी नेटवर्क और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बना सकती हैं। अलर्ट में कहा गया है कि ये इकाइयाँ विशेष रूप से उन संस्थानों और उपकरणों को निशाना बनाती हैं जो कमजोर सुरक्षा के कारण आसान लक्ष्य होते हैं।
साइबर सुरक्षा और अवसंरचना सुरक्षा एजेंसी (CISA) ने अमेरिकी संगठनों से आग्रह किया है कि वे मजबूत सुरक्षा उपाय अपनाएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट तुरंत संबंधित एजेंसियों को दें।
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हिंसा और घरेलू चरमपंथ की आशंका
बुलेटिन में इस बात की भी चेतावनी दी गई है कि ईरान की तीखी बयानबाज़ी अमेरिका में चरमपंथियों को हिंसक कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकती है। DHS के मुताबिक, 2020 से अब तक अमेरिका में ईरानी समर्थित कई संभावित जानलेवा साजिशों को विफल किया गया है।
यह भी उल्लेख किया गया है कि ईरानी शासन ने अतीत में अमेरिका में रहने वाले अपने विरोधियों को निशाना बनाने का प्रयास किया है। यदि ईरान के सर्वोच्च नेता अमेरिकी ठिकानों के खिलाफ कोई धार्मिक फतवा जारी करते हैं, तो हिंसा की संभावना और बढ़ सकती है।
सरकार की अपील: सतर्क रहें, रिपोर्ट करें
DHS ने अमेरिकी नागरिकों से आग्रह किया है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को “If You See Something, Say Something” मुहिम के तहत रिपोर्ट करें। सुरक्षा एजेंसियाँ संभावित आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरत रही हैं।
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