5 जुलाई को मनाया जाएगा ‘मराठी विजय दिवस’, ठाकरे की रैली से गरजेगी शिवसेना (यूबीटी)

महाराष्ट्र में त्रिभाषा नीति के शासनादेश को रद्द करने के बाद राज्य की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली महायुति सरकार के फैसले को उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने मराठी अस्मिता की जीत बताया है। पार्टी ने 5 जुलाई को ‘मराठी विजय दिवस’ के तौर पर एक भव्य रैली का आयोजन करने का ऐलान किया है।

शिवसेना (यूबीटी) की इस घोषणा के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। सोशल मीडिया पर जारी एक पोस्टर में लिखा गया है — “ठाकरे आ रहे हैं…”, जो इस आयोजन की तैयारी और रणनीतिक संकेत दोनों को दर्शाता है।

रैली में दिखेगा मराठी गौरव का प्रदर्शन

शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा है कि यह रैली मराठी भाषा, संस्कृति और अस्मिता की रक्षा के लिए है। उन्होंने कहा, “हम 5 जुलाई को मराठी विजय दिवस मनाएंगे। यह दिन दिखाएगा कि महाराष्ट्र अपनी भाषा पर किसी भी तरह की जबरदस्ती स्वीकार नहीं करेगा।”

राउत ने कहा कि इस रैली में हिंदी थोपने के विरोध में जनशक्ति का प्रदर्शन किया जाएगा। उनका दावा है कि भाजपा त्रिभाषा नीति के नाम पर हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में थोपना चाहती थी, जिसे जनता के विरोध के बाद सरकार को वापस लेना पड़ा।

ठाकरे बंधुओं के एक मंच पर आने की संभावना

इस रैली की खास बात यह हो सकती है कि शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे पहली बार एक साथ मंच साझा करें। संजय राउत ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा, “ठाकरे भाइयों के एक मंच पर आने में कोई संशय नहीं है।”

यह राजनीतिक घटनाक्रम शिवसेना की पुरानी ताकत को फिर से संजोने का संकेत भी माना जा रहा है। बाल ठाकरे की विरासत को आधार बनाकर यह दोनों नेता मराठी स्वाभिमान के मुद्दे पर फिर से एकजुट होते नजर आ सकते हैं।

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‘सरकारी आदेश हो तो जलाएं सार्वजनिक रूप से’ – राउत

संजय राउत ने मुख्यमंत्री फडणवीस के उस बयान पर भी पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा था कि त्रिभाषा नीति की नींव महा विकास आघाड़ी (MVA) सरकार ने रखी थी। राउत ने कहा, “अगर उद्धव ठाकरे सरकार के कार्यकाल में कोई ऐसा सरकारी आदेश जारी हुआ है, तो उसे सार्वजनिक करें और हम खुद उसे जलाने के लिए जगह देंगे।”

उन्होंने कहा कि यह लड़ाई किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि महाराष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ है। बाल ठाकरे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, “बालासाहेब ने सिखाया कि पाप पर प्रहार करो, पापी पर नहीं।”

दिल्ली को दिखाएंगे कि ‘टाइगर अभी जिंदा है’

राउत ने कहा कि यह रैली सिर्फ महाराष्ट्र के लिए नहीं, बल्कि उन सभी के लिए संदेश होगी जो मराठी भाषा और संस्कृति पर चोट करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने भाजपा पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, “हर बार जब वे मराठी लोगों को दबाते हैं, हम और ताकत से उठते हैं। दिल्ली को दिखा दिया गया है — टाइगर अभी जिंदा है।”

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