डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका में फिर से सक्रिय होते ही विदेशी नागरिकों को लेकर सख्ती दिखने लगी है। अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने एक नया आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि जो विदेशी नागरिक अमेरिका में 30 दिन से अधिक समय तक रुक रहे हैं, उन्हें सरकारी पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इस आदेश की अवहेलना करने पर भारी जुर्माना और जेल तक की सजा हो सकती है।
यह आदेश खास तौर पर उन विदेशी नागरिकों के लिए चिंता का विषय बन गया है जो वीज़ा पर अमेरिका में रुके हुए हैं, या किसी काम, पढ़ाई, या रिश्तेदारों से मिलने के मकसद से वहाँ गए हैं।
ट्रंप प्रशासन की वापसी और बदली नीति
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सियासी वापसी की शुरुआत ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडे से ही की है, जो उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में भी जोर-शोर से अपनाया था। अब एक बार फिर उनके नेतृत्व में गृह सुरक्षा विभाग ने विदेशियों की उपस्थिति और गतिविधियों पर निगरानी बढ़ाने की योजना तैयार की है।
ट्रंप का मानना है कि अवैध प्रवासियों और ओवरस्टे करने वाले लोगों से अमेरिका की अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और संसाधनों पर बोझ पड़ता है। उनके अनुसार,
“जो लोग हमारे देश में नियमों के तहत नहीं रहते, उन्हें यह स्पष्ट संदेश दिया जाना चाहिए कि अब अमेरिका में ढील नहीं दी जाएगी।”
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30 दिन की सीमा, फिर पंजीकरण अनिवार्य
DHS द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों के अनुसार:
- जो भी विदेशी नागरिक अमेरिका में 30 दिनों से अधिक समय तक रुकते हैं, उन्हें एक पंजीकरण पोर्टल पर अपनी जानकारी अपलोड करनी होगी।
- इसमें उनका पता, वीज़ा की स्थिति, रुकने का उद्देश्य और अवधि की जानकारी देना जरूरी होगा।
- इस नियम का पालन न करने पर 10,000 डॉलर तक जुर्माना और 6 महीने तक की जेल का प्रावधान रखा गया है।
भारत से गए छात्रों और कामगारों में चिंता
यह आदेश भारत के हजारों नागरिकों को प्रभावित कर सकता है। खासकर वे छात्र, आईटी प्रोफेशनल्स और टूरिस्ट जो अमेरिका में लंबे समय तक रुकने की योजना बना रहे थे। उत्तर भारत से अमेरिका जाने वालों की संख्या बीते वर्षों में तेज़ी से बढ़ी है, जिनमें दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, मेरठ, पटना और चंडीगढ़ जैसे शहरों के युवा शामिल हैं।
अब ऐसे लोगों को न केवल पंजीकरण की औपचारिकता निभानी होगी, बल्कि हर गतिविधि पर नज़र रखने के लिए मानसिक रूप से भी तैयार रहना होगा।
ट्रंप की सख्ती या चुनावी चाल?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप द्वारा यह सख्ती आगामी अमेरिकी चुनावों के मद्देनज़र की गई रणनीति भी हो सकती है। वे एक बार फिर राष्ट्रवाद और आप्रवासन विरोधी एजेंडे को हवा देकर अपने कोर वोट बैंक को मज़बूत करने की कोशिश में हैं।
हालांकि कुछ मानवाधिकार संगठनों ने इस आदेश की निंदा करते हुए कहा है कि यह विदेशियों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार को बढ़ावा देता है।
भारत सरकार की नजर
भारत सरकार की ओर से फिलहाल इस आदेश पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार वॉशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास स्थिति पर नज़र बनाए हुए है। उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस विषय पर जल्द ही अमेरिका से साफ़ स्पष्टीकरण मांगेगी, ताकि भारतीय नागरिकों को परेशानी से बचाया जा सके।
क्या करें भारतीय नागरिक?
जो लोग अमेरिका जाने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए ये सुझाव अहम हो सकते हैं:
- अपना वीज़ा स्टेटस स्पष्ट रखें – वीज़ा के नियमों और अवधि को भलीभांति समझ लें।
- 30 दिन से अधिक रुकने पर तुरंत रजिस्ट्रेशन करवाएं।
- पंजीकरण पोर्टल पर सही और सटीक जानकारी भरें।
- किसी भी संदेह या समस्या की स्थिति में भारतीय दूतावास से संपर्क करें।
डोनाल्ड ट्रंप की ओर से आया यह नया आदेश अमेरिका में रह रहे और जाने की योजना बना रहे भारतीय नागरिकों के लिए एक चेतावनी की तरह है। जहां एक ओर यह कदम अमेरिका की सुरक्षा को मज़बूत करने के रूप में देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर यह कई विदेशी नागरिकों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
अब देखना यह होगा कि आने वाले हफ्तों में इस आदेश को लेकर अमेरिका में क्या माहौल बनता है और क्या इसमें कोई ढील या बदलाव आता है। लेकिन फिलहाल, जो भी विदेशी नागरिक अमेरिका में हैं – उनके लिए यही संदेश है:
“अब देर मत करो, नियमों का पालन करो – वरना मुश्किलें बढ़ सकती हैं।”
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