क्रिकेट अब सिर्फ खेल नहीं, एक मल्टी-बिलियन डॉलर इंडस्ट्री बन चुका है। इस इंडस्ट्री में अब एक नया खिलाड़ी प्रवेश करने वाला है — सऊदी अरब। खबर है कि सऊदी सरकार एक नई ग्लोबल T20 लीग की योजना बना रही है, जिसने क्रिकेट जगत के दो बड़े ताकतवर बोर्ड्स भारत का BCCI और इंग्लैंड का ECB को चिंतित कर दिया है।
क्या है सऊदी अरब की क्रिकेट योजना?
सऊदी अरब का मकसद साफ है खेलों में निवेश के ज़रिए विश्व मंच पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराना। फुटबॉल में बड़े-बड़े क्लब्स में निवेश करने के बाद अब उनकी नज़र क्रिकेट पर है। लेकिन सऊदी का लक्ष्य सिर्फ एक घरेलू लीग नहीं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय T20 लीग है, जो खिलाड़ियों को आकर्षक ऑफ़र्स देकर लुभा सकती है।
BCCI और ECB की आपत्ति क्यों?
सूत्रों के अनुसार BCCI और ECB ने साफ किया है कि वे अपने खिलाड़ियों को इस लीग में खेलने की अनुमति नहीं देंगे इसके साथ ही दोनों बोर्ड मिलकर ICC पर दबाव बना रहे हैं कि वह इस प्रस्तावित लीग को कोई आधिकारिक मान्यता न दे।BCCI का मुख्य डर यह है IPL, जो अभी तक दुनिया की सबसे बड़ी और मुनाफे वाली T20 लीग है, को इस नई लीग से चुनौती मिल सकती है।अगर सऊदी अरब की लीग खिलाड़ियों को ज़्यादा पैसा देती है, तो BCCI की पकड़ कमज़ोर पड़ सकती है।खिलाड़ियों को देश के बाहर खेलने की ज़्यादा आज़ादी मिलने से राष्ट्रीय टीमों की प्राथमिकता घट सकती है।
क्या है सऊदी अरब की रणनीति?
सऊदी अरब की यह पहल उनके आर्थिक सुधार प्रोजेक्ट “Vision 2030” का हिस्सा है। इसके तहत देश:
- तेल आधारित अर्थव्यवस्था से आगे बढ़कर खेल, पर्यटन और एंटरटेनमेंट में निवेश कर रहा है।
- वे खेलों के ज़रिए वैश्विक पहचान बनाना चाहते हैं।
- फुटबॉल में Cristiano Ronaldo, Neymar, आदि को शामिल करने के बाद अब उनकी क्रिकेट में एंट्री बेहद रणनीतिक कदम है।
क्या बोले BCCI और ECB?
अब तक BCCI सचिव जय शाह ने इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन आंतरिक सूत्रों के मुताबिक बोर्ड इसे “खेल के हितों के खिलाफ” मान रहा है। उन्हें डर है कि यदि यह लीग लोकप्रिय हो जाती है, तो उनके पास खिलाड़ियों पर नियंत्रण रखने की शक्ति कम हो जाएगी।ECB भी इस चिंता को साझा कर रहा है, खासकर ऐसे समय में जब इंग्लैंड के कई खिलाड़ी पहले से ही दुनिया की अन्य लीगों में खेल रहे हैं।
ICC किस तरफ झुकेगा?
यहां असली सवाल है कि क्या ICC इस नए प्रस्ताव को मंजूरी देगा, या फिर BCCI और ECB के दबाव में इसे रोक देगा?ICC पर कई बार “बड़े बोर्ड्स के दबाव” में आने के आरोप लग चुके हैं।अगर यह लीग ICC की मान्यता पाती है, तो खिलाड़ियों की अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्रता और क्रिकेट का वैश्वीकरण तेज़ी से बढ़ सकता है।
खिलाड़ियों की स्वतंत्रता बनाम बोर्ड का नियंत्रण
क्रिकेट के फैन्स और विशेषज्ञों में यह बहस तेज़ हो रही है
- क्या खिलाड़ियों को अपने करियर और अवसरों के फैसले खुद लेने की आज़ादी नहीं होनी चाहिए?
- क्या बोर्ड्स को यह तय करने का अधिकार है कि खिलाड़ी कब और कहाँ खेल सकते हैं?
- क्या यह क्रिकेट के विकास को रोकना नहीं है?
क्या क्रिकेट का एक नया युग शुरू होने वाला है?
IPL और BCCI की मोनोपॉली को पहली बार एक गंभीर चुनौती मिलती दिख रही है। यदि सऊदी ग्लोबल T20 लीग सफल होती है, तो यह खिलाड़ियों को नई आर्थिक और पेशेवर आज़ादी दे सकती है और क्रिकेट को असली वैश्विक खेल बना सकती है।यह सिर्फ एक लीग नहीं, बल्कि क्रिकेट की भविष्य की दिशा तय करने वाली जंग है।
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