हाल ही में एक घटना सामने आई जिसने हमारे समाज की एक गंभीर मानसिकता को उजागर किया। एक महिला बिना टिकट सेकंड एसी कोच में यात्रा कर रही थी। जब टिकट निरीक्षक (TTE) ने उसे रोका, तो उसने उल्टा उन्हें धमकी दे दी – “काट कर रख दूंगी।” ये शब्द न केवल डराने वाले हैं, बल्कि देश के कानून व्यवस्था के प्रति बढ़ती उदासीनता और लापरवाही का प्रतीक भी हैं।
रेलवे, जो देश की रीढ़ मानी जाती है, प्रतिवर्ष ₹2,500 करोड़ से अधिक का नुकसान सिर्फ इसलिए सहता है क्योंकि लोग नियमों का पालन नहीं करते। टिकट न लेना सिर्फ एक मामूली गलती नहीं है, ये सरकारी संपत्ति और देश की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाने जैसा है।
नियम क्यों ज़रूरी हैं?
हर समाज को सुचारु रूप से चलाने के लिए कुछ कानून बनाए जाते हैं। ये कानून हमारी सुरक्षा, सुविधा और समरसता के लिए होते हैं। जब कोई इनका उल्लंघन करता है, तो इसका असर सिर्फ उसके ऊपर नहीं, बल्कि पूरे समाज पर पड़ता है।
रेलवे में टिकट न लेना, ट्रैफिक सिग्नल तोड़ना, सड़क पर हेलमेट न पहनना, या बिना सीट बेल्ट ड्राइव करना – ये सब आम लगने वाले अपराध हैं, लेकिन इनके परिणाम गंभीर होते हैं।
सरकारी रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर हम सिर्फ ट्रैफिक नियमों का पालन करें, तो हर साल 1 लाख से ज़्यादा जानें बचाई जा सकती हैं। सोचिए, आपके एक हेलमेट पहनने से किसी माँ का बेटा, किसी बच्चे का पिता ज़िंदा रह सकता है।
धार्मिक रंग देना – एक खतरनाक प्रवृत्ति
दुर्भाग्यवश, जब किसी को नियमों के पालन के लिए टोक दिया जाता है, तो कई बार लोग इसे धार्मिक या जातिगत रंग देने लगते हैं। यह प्रवृत्ति समाज को विभाजित करने वाली है और देश की एकता के लिए ख़तरनाक भी।
कानून सबके लिए बराबर होता है – न हिंदू, न मुस्लिम, न अमीर, न गरीब। अगर कोई भी नागरिक नियम तोड़ता है, तो उसे जवाबदेह बनाया जाना चाहिए, चाहे उसका धर्म या सामाजिक दर्जा कुछ भी हो।
क्या कर सकते हैं हम?
देश के नागरिक के रूप में हमारा कर्तव्य है कि हम न केवल खुद नियमों का पालन करें, बल्कि दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
- ट्रेन यात्रा में टिकट ज़रूर लें।
- यातायात नियमों का पालन करें – हेलमेट और सीट बेल्ट ज़रूर पहनें।
- किसी भी सरकारी अधिकारी से बदसलूकी न करें – वे अपना काम कर रहे हैं।
- अगर कोई कानून तोड़ता है, तो उसका समर्थन न करें, बल्कि उचित माध्यम से शिकायत करें।
- धार्मिक या जातिगत नजरिए से नियमों को न देखें।
एक जिम्मेदार भारत के लिए
हमारे छोटे-छोटे कदम देश को बड़ा बना सकते हैं। जब हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझेगा, तभी हम एक मजबूत, सुरक्षित और संगठित भारत बना पाएंगे।
“नियमों का पालन करना सिर्फ कानून का सम्मान नहीं, बल्कि देशभक्ति का प्रतीक है।”
आइए, आज से ही शुरुआत करें – खुद से, अपने घर से, अपने बच्चों से। एक बेहतर भारत, हमारी आदतों से बनेगा।
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