August 28, 2025

भारत-चीन रिश्तों में आई नरमी, SCO सम्मेलन से पहले चीन ने दिखाया दोस्ताना रुख

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन, जो कि 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन के तियानजिन में आयोजित होने वाला है, उससे पहले भारत और चीन के संबंधों में एक नई गर्मजोशी देखने को मिल रही है। लंबे समय से चले आ रहे तनावों के बाद अब संकेत मिल रहे हैं कि दोनों देश संबंध सुधारने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी की संभावना

इस वर्ष के SCO शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संभावित उपस्थिति के चलते यह सम्मेलन भारत-चीन संबंधों के लिहाज़ से और भी महत्वपूर्ण हो गया है। भारत की उपस्थिति के संकेत मिलते ही चीन के रुख में नरमी देखी जा रही है, जो पिछले कुछ समय से दोनों देशों के बीच चले आ रहे तनाव को कम करने की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

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चीन के राजदूत की खुली प्रतिक्रिया

भारत में चीन के नए राजदूत शू फेइहोंग ने हाल ही में एक सार्वजनिक बयान में अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50% तक के टैरिफ का विरोध किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा चुप्पी केवल धमकाने वालों को बढ़ावा देती है। चीन भारत के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा।यह बयान दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को और मजबूत करने का संकेत है। चीन ने अमेरिका के व्यापारिक रवैये की आलोचना करते हुए भारत के प्रति समर्थन जताया, जो रणनीतिक दृष्टिकोण से एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

भारत को ‘पार्टनर’ बताया, रिश्ते सुधारने का संदेश

राजदूत शू ने भारत को “सच्चा साझेदार” बताते हुए कहा कि दोनों देशों को आपसी अविश्वास और संदेह को पीछे छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहाहमें आपसी रणनीतिक विश्वास को बढ़ाना होगा और पुरानी गलतफहमियों से बाहर निकलकर आगे बढ़ना चाहिए।इस बयान से साफ है कि चीन अब भारत के साथ स्थिर और सहयोगी संबंधों की दिशा में काम करना चाहता है।

सीधी उड़ानों और लोगों से जुड़ाव की बात

राजदूत ने एक और बड़ा संकेत दिया भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करने पर चर्चा हो रही है। उनका कहना था कि लोगों को एक-दूसरे से रिश्तेदारों की तरह मिलने का मौका मिलना चाहिए। यह प्रस्ताव सिर्फ पर्यटन या व्यापार नहीं, बल्कि सांस्कृतिक जुड़ाव की ओर भी एक संकेत है।

एशिया और विश्व के लिए साझेदारी का महत्व

राजदूत शू ने कहा कि वर्तमान वैश्विक माहौल में, जहां अशांति और अस्थिरता का दौर चल रहा है, वहां भारत और चीन के सहयोग का असर पूरे एशिया और वैश्विक स्थिरता पर पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा आज की दुनिया अशांति के दौर से गुजर रही है, ऐसे में भारत और चीन का सहयोग दोनों देशों के साथ-साथ पूरे क्षेत्र और विश्व के लिए फायदेमंद होगा। SCO सम्मेलन से पहले चीन की ओर से आए इस सकारात्मक और सहयोगी संदेश को भारत में गंभीरता से लिया जा रहा है। अब सभी की निगाहें प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी और इस सम्मेलन में भारत-चीन रिश्तों के भविष्य पर टिकी हैं। अगर दोनों देश इस नए विश्वास की राह पर आगे बढ़ते हैं, तो यह एशियाई सहयोग और स्थिरता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है।

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