October 15, 2025

वर्ष 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार Venezuela की नेता मारिया कोरिना मचाडो को

वर्ष 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump को नहीं बल्कि Venezuela की नेता मारिया कोरिना मचाडो (Maria Corina Machado) को दिया गया है। उन्हें यह सम्मान लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और शांतिपूर्ण तरीक़े से तानाशाही के खिलाफ संघर्ष करने के लिए मिला है।

Venezuela की ‘Iron Lady’
58 वर्षीय मारिया कोरिना मचाडो को Venezuela में ‘Iron Lady’ के नाम से जाना जाता है। उनकी राजनीति और संघर्षशील छवि ने उन्हें देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खास पहचान दिलाई है। नोबेल कमिटी ने अपने बयान में कहा कि इस बार पुरस्कार एक ऐसी महिला को दिया गया है, जिसने गहराते अंधेरे के बीच लोकतंत्र की लौ को जलाए रखा है। ऐसे समय में जब लोकतंत्र ख़तरे में हो, उसकी रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य बन जाता है।

Donald Trump के दावों के बावजूद निर्णय
इस वर्ष नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा का काफ़ी इंतज़ार किया जा रहा था। कई अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Donald Trump ने कई बार यह दावा किया कि उन्होंने दुनिया के कई हिस्सों में युद्ध विराम कराया है और इसके लिए उन्हें पुरस्कार मिलना चाहिए।

नोबेल कमिटी का दृष्टिकोण
नोबेल शांति कमिटी के चेयरमैन योर्गेन वाटने फ़्रीडनेस ने स्पष्ट किया कि कमिटी का फैसला पूरी तरह काम और अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के मुताबिक़ लिया जाता है। उन्होंने कहा कि कमिटी का लंबा इतिहास इस बात का गवाह है कि हर साल हजारों सिफारिशी पत्र आते हैं और लोग पुरस्कार के लिए दबाव बनाने की कोशिश करते हैं। लेकिन निर्णय हमेशा स्वतंत्र और निष्पक्ष होता है।

मारिया कोरिना मचाडो का योगदान
मारिया कोरिना मचाडो ने कई वर्षों तक Venezuela में लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए संघर्ष किया। उन्होंने शांतिपूर्ण आंदोलन और सामाजिक जागरूकता के माध्यम से लोगों में लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत किया। उनके प्रयासों ने देश में राजनीतिक स्थिरता और न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय में प्रतिक्रियाएँ
मारिया के नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इसे लेकर सकारात्मक प्रतिक्रियाएँ देखने को मिली हैं। विशेषज्ञों ने इसे लोकतंत्र और महिला नेतृत्व के लिए एक प्रेरणादायक संदेश बताया। उनका यह सम्मान यह दर्शाता है कि साहस, संघर्ष और न्याय के लिए डटे रहने वालों को हमेशा मान्यता मिलती है।

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