ईरान-इजरायल जंग: खैबर मिसाइल हमले से डगमगाया इजरायल का डिफेंस सिस्टम

मध्य पूर्व में जंग के हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। आज सुबह अमेरिका ने ईरान के तीन बड़े परमाणु ठिकानों—फोर्डो, इस्फहान और नतांज—पर जबरदस्त बमबारी की। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि इन ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया है। इसके जवाब में ईरान ने इजरायल पर अब तक का सबसे बड़ा मिसाइल हमला किया है।

ईरानी मीडिया के अनुसार, ईरान ने पहली बार अपनी सबसे खतरनाक मिसाइल “खैबर” को इस्तेमाल किया है, जिसे खुर्रमशहर-4 भी कहा जाता है। ये मिसाइल न केवल रेंज में लंबी है (2000 किलोमीटर), बल्कि यह 1500 किलो से ज्यादा का वारहेड ले जाने में सक्षम है। इससे इजरायल में भारी तबाही मचने की खबर है।

इजरायली डिफेंस सिस्टम फेल

इजरायल की रक्षा प्रणाली विश्व की सबसे आधुनिक मानी जाती है—Arrow-3, David’s Sling और आयरन डोम जैसे सिस्टम इसके हिस्सा हैं। लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, खैबर मिसाइल को इंटरसेप्ट करने में ये सभी नाकाम रहे हैं। ईरान की ओर से अब तक 400 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें इजरायल पर दागी जा चुकी हैं, जिनमें से 40 से ज्यादा मिसाइलें सीधी इजरायल के सैन्य और सामरिक ठिकानों पर गिरी हैं।

यह भी पढ़ें : इजरायल-ईरान तनाव: भारत पर संभावित असर और भविष्य

खैबर मिसाइल: तकनीकी ताकत और रणनीतिक खतरा

खैबर मिसाइल में MRV (Multiple Reentry Vehicle) तकनीक है, जिससे यह एक साथ कई दिशाओं में अलग-अलग वारहेड्स गिरा सकती है। इसके अलावा, इसे हाइपरसोनिक बताया गया है, यानी यह ध्वनि की गति से कई गुना तेज है और फायरिंग के बाद भी दिशा बदल सकती है। यही वजह है कि इसे इंटरसेप्ट करना बेहद कठिन हो जाता है।

इस मिसाइल का नाम ऐतिहासिक संदर्भ में भी काफी महत्वपूर्ण है। “खैबर” 7वीं सदी में मुसलमानों द्वारा यहूदियों के एक किले पर विजय से जुड़ा है। इसका इस्तेमाल ईरान की रणनीतिक और वैचारिक सोच को दर्शाता है।

डिमोना न्यूक्लियर फैसिलिटी पर खतरा

विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान अब इजरायल के डिमोना न्यूक्लियर फैसिलिटी को निशाना बना सकता है, जो इजरायल का मुख्य परमाणु केंद्र है। अगर खैबर मिसाइल इस फैसिलिटी को नुकसान पहुंचाती है, तो यह जंग पूरी दुनिया के लिए परमाणु खतरा बन सकती है।

आगे क्या हो सकता है?

स्थिति तेजी से नियंत्रण से बाहर जा रही है। अगर ईरान लगातार खैबर जैसी मिसाइलों का इस्तेमाल करता है, तो इजरायल की सैन्य और परमाणु सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है। वहीं, अमेरिका का इस लड़ाई में सक्रिय रूप से उतरना इस क्षेत्र को तीसरे विश्व युद्ध की ओर धकेल सकता है।

Share