बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, राज्य की राजनीति में हलचल बढ़ने लगी है। इस बार मुकाबला एक बार फिर NDA बनाम महागठबंधन के बीच होने की संभावना है, और सबसे ज्यादा चर्चाओं में है – सीट बंटवारा।
महागठबंधन में छह पार्टियां, लेकिन कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा?
बिहार में महागठबंधन में कुल छह दल शामिल हैं – राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (CPI-ML), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP)। सूत्रों के मुताबिक, सीटों के बंटवारे का एक संभावित प्रारूप तैयार किया जा चुका है।
संभावित फॉर्मूला:
- RJD: 140 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।
- कांग्रेस: 52 सीटों की मांग कर रही है और सूत्रों के मुताबिक, उसे यही संख्या मिल भी सकती है।
- वामदल (CPI-ML, CPI, CPM): संयुक्त रूप से लगभग 35 सीटों पर लड़ने की संभावना।
- VIP (मुकेश सहनी): 16 सीटों पर लड़ सकती है।
कुल मिलाकर, महागठबंधन 243 विधानसभा सीटों पर इसी फार्मूले के आधार पर अपने प्रत्याशी खड़े कर सकता है। हालांकि सीटों को लेकर अंतिम फैसला शीर्ष स्तर की बैठक में होगा।
कांग्रेस को 52 सीटें – क्या ये वाजिब है?
पिछले कुछ चुनावों में बिहार में कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर रहा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ी थी लेकिन सिर्फ 19 सीटें ही जीत पाई थी। इस बार गठबंधन के भीतर भी कांग्रेस की मांग को लेकर विरोध की संभावना बनी हुई है। RJD जैसी प्रमुख पार्टी मानती है कि कांग्रेस को सीटें ‘जनाधार’ के हिसाब से मिलनी चाहिए, न कि सिर्फ ‘अखिल भारतीय’ पहचान के आधार पर।
वाम दलों की ताकत भी बढ़ी है
2020 में वाम दलों ने बिहार में अच्छा प्रदर्शन किया था, खासकर CPI-ML ने 12 सीटें जीतकर चौंकाया था। इस बार उनकी मांग भी बढ़ी है, और वो ज्यादा हिस्सेदारी चाह रहे हैं।
क्या मुकेश सहनी को 16 सीटें मिलेंगी?
VIP पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी की पकड़ कुछ खास जातिगत वोट बैंक पर मानी जाती है। हालांकि वह पहले NDA के साथ थे, लेकिन अब महागठबंधन में शामिल हैं। उनके लिए 16 सीटों की पेशकश पर भी महागठबंधन के भीतर मतभेद हैं।
चुनावी समीकरण क्या कहता है?
महागठबंधन इस बार जातीय समीकरणों और पिछले प्रदर्शन के आधार पर सीटों का बंटवारा करना चाहता है। लेकिन अगर किसी एक दल को असंतोष हुआ, तो इसका सीधा असर वोट ट्रांसफर पर पड़ेगा।
सबसे बड़ा सवाल – जनता किसे चुनेगी?
क्या नीतीश कुमार और बीजेपी की जोड़ी दोबारा सत्ता में लौटेगी? या तेजस्वी यादव की RJD सत्ता में वापसी करेगी? कांग्रेस इस चुनाव में कितनी निर्णायक साबित होगी? इन सभी सवालों के जवाब 2025 में मिलेंगे, लेकिन अभी से सियासत में हलचल तेज हो चुकी है।
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