फतेहपुर में दलित परिवार के घर पर बुलडोजर: SDM निलंबित

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में दलित परिवार के घर पर बुलडोजर चलाए जाने का मामला सुर्खियों में है। योगी सरकार ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए उपजिलाधिकारी (SDM) और PCS अधिकारी अर्चना अग्निहोत्री को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया है। यह घटना प्रशासनिक स्तर पर विवाद का कारण बन गई है, जिसके बाद सरकार ने त्वरित कार्रवाई शुरू की। प्रमुख सचिव कार्मिक एम. देवराज ने अर्चना के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं, और लखनऊ मंडल के आयुक्त को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। योगी सरकार ने पिछले एक साल में भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता के मामलों में कई IAS और PCS अधिकारियों पर कार्रवाई की है। आइए, इस मामले को विस्तार से समझते हैं।

क्या है पूरा मामला?

जांच में सामने आया कि फतेहपुर में गाटा संख्या 36, जो मुख्य मार्ग के रूप में दर्ज है, और गाटा संख्या 52, जो रास्ते के रूप में दर्ज है, इस मामले का केंद्र हैं। साल 2023 में तहसीलदार न्यायालय ने गाटा संख्या 36 को हटाने का आदेश दिया था। हालांकि, राजस्व टीम ने गाटा संख्या 52 के मुख्य मार्ग पर बने हिस्से को गिरा दिया, जिसमें एक दलित और दिव्यांग अनिल कुमार के परिवार का भूमिधरी पर बना मकान भी प्रभावित हुआ। इस घटना ने प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया, जिसके बाद कानूनगो जितेंद्र सिंह और लेखपाल अराधना देवी को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।

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अर्चना अग्निहोत्री पर क्या हैं आरोप?

SDM अर्चना अग्निहोत्री पर आरोप है कि उन्होंने बेदखली की कार्रवाई से पहले मौके पर कोई निरीक्षण नहीं किया। उनके कर्तव्यों के निर्वहन में ढिलाई बरतने का भी आरोप है। प्रमुख सचिव कार्मिक एम. देवराज के अनुसार, शासन ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन व अपील) नियमावली 1999 के तहत अर्चना को तत्काल निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई के साथ ही विभागीय जांच शुरू की गई है, ताकि मामले की तह तक जाया जा सके।

कौन हैं अर्चना अग्निहोत्री?

अर्चना अग्निहोत्री 2021 बैच की PCS अधिकारी हैं और वर्तमान में फतेहपुर की उपजिलाधिकारी थीं। दिल्ली में पली-बढ़ी अर्चना ने अमेरिका में शिक्षा प्राप्त की और वहां एक प्रतिष्ठित कंपनी में कार्यरत थीं। देश की सेवा के लिए उन्होंने भारत लौटने का फैसला किया। अर्चना ने राजनीति में भी कदम रखा था और आम आदमी पार्टी से जुड़ी थीं, लेकिन पार्टी में भ्रष्टाचार के कारण उन्होंने इससे दूरी बना ली। उनकी इस पृष्ठभूमि के बावजूद, इस मामले में उनकी लापरवाही ने सवाल खड़े किए हैं।

योगी सरकार की सख्ती

योगी सरकार ने प्रशासनिक अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। इस मामले में त्वरित कार्रवाई इसका उदाहरण है। सरकार ने न केवल अर्चना अग्निहोत्री को निलंबित किया, बल्कि इस मामले में शामिल अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई की। यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि सामाजिक न्याय के मुद्दों को भी उजागर करती है।

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