August 29, 2025

मुंबई मोनोरेल में फंसे 100 से ज़्यादा यात्री, दम घुटने तक पहुंची नौबत बड़ा हादसा टला

मुंबई के मैसूर कॉलोनी के पास उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक मोनोरेल तकनीकी खराबी और बिजली सप्लाई रुकने के कारण बीच रास्ते में फंस गई। अंदर करीब 100 से अधिक लोग मौजूद थे, और हालात इतने बिगड़ गए कि दम घुटने जैसी स्थिति बन गई।

क्या हुआ था घटनास्थल पर?

घटना की शुरुआत तब हुई जब मैसूर कॉलोनी के पास एक मोनोरेल अचानक रुक गई। शुरुआती जानकारी के अनुसार, बिजली की सप्लाई पूरी तरह ठप हो गई थी और मोनोरेल एक ऊंचे ट्रैक पर बीच रास्ते में अटक गई।उस वक्त मोनोरेल के अंदर करीब 100 से ज्यादा यात्री थे। कुछ लोगों ने वेंटिलेशन (हवा की निकासी) न होने की शिकायत की, और कई यात्री घबराने लगे।

यात्रियों का बयान दम घुट रहा था…

एक यात्री ने बताया बड़ा ही डरावना एक्सपीरियंस था… अंदर लोगों का दम घुट रहा था, कुछ बच्चे रोने लगे थे… लगा कि शायद अब बाहर नहीं निकल पाएंगे…

तुरंत हरकत में आई रेस्क्यू टीम

जैसे ही घटना की जानकारी मिली, फायर ब्रिगेड, मुंबई महानगरपालिका और एमएमआरडीए (MMRDA) की टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गईं।

  • मोनोरेल के दरवाज़े और कुछ शीशे तोड़कर यात्रियों को बाहर निकाला गया
  • बड़ी क्रेनों की मदद से मोनोरेल तक पहुंच बनाकर राहत कार्य चलाया गया
  • सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बयान

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना पर तुरंत संज्ञान लिया और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए किहर यात्री को सुरक्षित बाहर निकाला जाए । और ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए व्यवस्था की समीक्षा की जाए। साथ ही उन्होंने जनता से शांति और धैर्य बनाए रखने की अपील की है।

क्या मोनोरेल अब सुरक्षित है?

इस घटना ने मोनोरेल सिस्टम की तकनीकी मजबूती और आपातकालीन प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भविष्य में ऐसी स्थिति न बने, इसके लिए तकनीकी जांच और जवाबदेही तय की जा रही है।मुंबई जैसे महानगर में जब एक मोनोरेल इस तरह फंस जाती है और यात्रियों को अपनी जान की फिक्र होने लगती है। तो ये केवल एक तकनीकी फेल्योर नहीं, बल्कि प्रशासनिक और सिस्टम लेवल की चूक भी मानी जाएगी।सौभाग्य से इस बार कोई जान का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन अगली बार?

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