August 28, 2025

प्रधानमंत्री जन-धन योजना: 11 वर्षों की वित्तीय समावेशन की यात्रा

वित्तीय समावेशन का एक नया युग

28 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री जन-धन योजना ने अपने 11 साल पूरे किए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस योजना ने न केवल लोगों को वित्तीय सेवाओं से जोड़ा, बल्कि उन्हें सम्मान और आत्मनिर्भरता के साथ अपना भविष्य गढ़ने की शक्ति भी प्रदान की। वर्ष 2014 में शुरू हुई यह योजना देश के हर परिवार को बैंकिंग सेवाओं, वित्तीय साक्षरता, ऋण, बीमा और पेंशन जैसी सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने का एक राष्ट्रीय मिशन है। इसने वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाया है, जिससे समाज के अंतिम व्यक्ति तक आर्थिक प्रगति का लाभ पहुंचा है।

अंतिम व्यक्ति का सशक्तीकरण

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर अपनी पोस्ट में कहा, “जब अंतिम व्यक्ति वित्तीय रूप से जुड़ता है, तो पूरा देश एक साथ आगे बढ़ता है।” जन-धन योजना ने यही लक्ष्य हासिल किया है। यह योजना केवल बैंक खाते खोलने तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसने लाखों लोगों को वित्तीय स्वतंत्रता और सम्मान प्रदान किया। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रहने वाले उन परिवारों को, जो पहले बैंकिंग प्रणाली से बाहर थे, अब न केवल बचत करने का अवसर मिला, बल्कि वे राष्ट्रीय विकास का हिस्सा बन सके। इस योजना ने विशेष रूप से महिलाओं, किसानों और समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

नवाचार के माध्यम से समावेशन

‘माइगोव’ द्वारा साझा एक पोस्ट में जन-धन योजना को भारत की वित्तीय क्रांति का प्रतीक बताया गया। यह योजना गणित के सूत्रों से नहीं, बल्कि नवाचार और समावेशन के विचार से प्रेरित है। इसने बैंकिंग सेवाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाया, महिलाओं को आर्थिक सशक्तीकरण प्रदान किया और पारदर्शी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से शासन में विश्वास को मजबूत किया। इसके तहत खुले करोड़ों बैंक खातों ने बचत और निवेश की संस्कृति को बढ़ावा दिया है, जिससे भारत के आर्थिक परिदृश्य में अभूतपूर्व बदलाव आया है।

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ग्रामीण विकास का नया द्वार

‘माइगोव’ के एक अन्य पोस्ट में कहा गया कि जन-धन योजना केवल खातों तक सीमित नहीं थी। यह एक माँ को सम्मान के साथ बचत करने, एक किसान को बिचौलियों के बिना सहायता प्राप्त करने और ग्रामीण भारत को राष्ट्रीय विकास का हिस्सा बनाने का माध्यम बनी। इस योजना ने वित्तीय समावेशन को वास्तविकता में बदलकर हर घर में आशा और हर जीवन में आत्मविश्वास जगाया। यह ग्रामीण भारत के लिए एक नया द्वार खोलने वाली पहल है, जिसने आर्थिक समानता को बढ़ावा दिया।

भविष्य की ओर कदम

प्रधानमंत्री जन-धन योजना ने पिछले 11 वर्षों में भारत के आर्थिक और सामाजिक ढांचे को मजबूत किया है। यह योजना न केवल वित्तीय समावेशन की दिशा में एक मील का पत्थर है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इसने लाखों लोगों को आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मविश्वास प्रदान किया, जिससे देश एक समृद्ध और समावेशी भविष्य की ओर अग्रसर है।

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