महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है। कल्याण में कांग्रेस नेता मामा पगारे और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हुए टकराव ने सियासी माहौल को गर्मा दिया है। इस विवाद की जड़ है एक सोशल मीडिया पोस्ट, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक विवादास्पद तस्वीर को साझा किया गया। यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन चुकी है।
विवाद की शुरुआत: सोशल मीडिया पोस्ट
72 वर्षीय कांग्रेस नेता मामा पगारे ने सोशल मीडिया पर एक ऐसी तस्वीर शेयर की, जिसमें पीएम मोदी को साड़ी पहने हुए दिखाया गया था। इस पोस्ट को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने आपत्तिजनक माना, जिसके बाद उनका गुस्सा भड़क उठा। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और देखते ही देखते मामला तूल पकड़ गया। पगारे का कहना है कि उन्होंने केवल पोस्ट को शेयर किया था, लेकिन इसका यह मतलब नहीं था कि वह किसी का अपमान करना चाहते थे।
बीजेपी कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया
मंगलवार को जब मामा पगारे अस्पताल से बाहर निकल रहे थे, तब बीजेपी के स्थानीय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया। आरोप है कि 10-12 कार्यकर्ताओं ने पगारे को जबरन साड़ी पहनाने की कोशिश की और अपमानजनक टिप्पणियां कीं। कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर कहा, “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई पीएम मोदी का अपमान करने की?” इस घटना ने न केवल पगारे को सदमे में डाल दिया, बल्कि स्थानीय लोगों के बीच भी तनाव पैदा कर दिया।
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मामा पगारे का पक्ष
मामा पगारे ने इस घटना को बेहद अपमानजनक बताया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी तबीयत पहले से ही खराब थी, और इस घटना ने उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति को और बिगाड़ दिया। पगारे ने इसे न केवल व्यक्तिगत अपमान बल्कि पूरे समाज के खिलाफ अपराध करार दिया। उन्होंने मांग की है कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए। साथ ही, वे इस घटना के खिलाफ कानूनी कदम उठाने की तैयारी कर रहे हैं।
बीजेपी का रुख
दूसरी ओर, बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि जो कोई भी पीएम मोदी का अपमान करेगा, उसे ऐसी ही प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा। उनका कहना है कि यह कार्रवाई उनकी पार्टी और नेता के सम्मान की रक्षा के लिए थी। हालांकि, इस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
कांग्रेस की चुप्पी और सियासी माहौल
कांग्रेस पार्टी ने इस घटना पर अभी तक कोई बड़ा बयान नहीं दिया है, लेकिन माना जा रहा है कि यह मामला और तूल पकड़ सकता है। सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग बीजेपी कार्यकर्ताओं की इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध मान रहे हैं, तो कुछ इसे व्यक्तिगत बदले की भावना से जोड़कर देख रहे हैं।
सवालों का घेरा
यह घटना कई सवाल खड़े करती है। क्या सोशल मीडिया पर किसी पोस्ट को शेयर करना इतना बड़ा अपराध है कि एक वरिष्ठ नागरिक के साथ सार्वजनिक रूप से बदसलूकी की जाए? क्या यह राजनीतिक प्रतिक्रिया थी या व्यक्तिगत रंजिश? यह मामला महाराष्ट्र की सियासत में नया तूफान खड़ा कर सकता है।

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