October 13, 2025

PoJK में विरोध प्रदर्शन तेज, पाक सरकार उच्चस्तरीय वार्ता के लिए मजबूर

पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में हाल के दिनों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। पाकिस्तान की सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में कम से कम 10 लोग मारे गए और दर्जनों गंभीर रूप से घायल हुए। इस हिंसा और अराजक स्थिति के बाद पाक सरकार को उच्चस्तरीय वार्ता के लिए मजबूर होना पड़ा।


उच्चस्तरीय वार्ता समिति का गठन

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के निर्देश पर आठ सदस्यीय समिति मुज़फ्फराबाद पहुंची और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों से बैठक की। इस समिति में केंद्रीय मंत्री अहसान इकबाल, आमिर मुक़म, सरदार मोहम्मद यूसुफ, राणा सना उल्लाह और डॉ. तारिक फज़ल चोधरी के साथ PPP नेताओं राजा परवेज़ अशरफ़ और क़मर ज़मान कैरा, तथा पूर्व PoJK अध्यक्ष सरदार मसूद खान शामिल थे। इसके साथ ही PoJK के प्रधानमंत्री चौधरी अनवरुल हक़ भी बैठक में मौजूद रहे।

JKJAAC की भूमिका और मांगें

जम्मू-कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (JKJAAC) ने इस क्षेत्र में लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए नेतृत्व किया। बैठक में प्रतिनिधि शौकत नवाज़ मीर, राजा अमजद अली खान और अंजुम ज़मान अवान ने मुख्य मांगों को उठाया। इनमें 12 शरणार्थी सीटों का खात्मा, विशेषाधिकारों की समाप्ति, जून 2019 के हाईकोर्ट निर्णय का पालन, और स्वास्थ्य कार्ड की व्यवस्था शामिल है।

सुरक्षा और शटरडाउन

विरोध प्रदर्शन के दौरान पूरे PoJK में चौथी लगातार शटरडाउन और व्हील-जैम स्ट्राइक लागू रही। कम्युनिकेशन ब्लॉकडाउन सोमवार से जारी है। सुरक्षा बल पूरे क्षेत्र में तैनात किए गए और विरोध मार्च को रोकने के लिए पुलों को खाली कराया गया।

वार्ता की शर्तें और जनता की प्रतिक्रिया

JKJAAC ने साफ कहा कि वार्ता तभी होगी जब हत्याओं के जिम्मेदारों को गिरफ्तार कर सजा दी जाए। उन्होंने सार्वजनिक रूप से आश्वासन दिया कि लोगों के अधिकारों पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हजारों लोग दक्षिणी PoJK से कोहाला पहुंचे और JKJAAC के निर्देश का पालन करते हुए आगे की बैठक तक प्रतीक्षा कर रहे हैं।

पाकिस्तान सरकार की प्रतिक्रिया

पाक पीएम कार्यालय ने कहा कि शहबाज शरीफ ने स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की और पारदर्शी जांच के आदेश दिए। उन्होंने वार्ता समिति को तुरंत मुज़फ्फराबाद भेजने का निर्देश दिया। इस कदम को पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा और राजनीतिक दबाव को ध्यान में रखते हुए उठाया गया माना जा रहा है।

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