November 1, 2025

सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर PM मोदी ने जारी किया स्मारक सिक्का और डाक टिकट

भारत की एकता, अखंडता और राष्ट्रीय इच्छाशक्ति का नाम यदि एक साथ लिया जाए तो वह नाम है—सरदार वल्लभभाई पटेल। आधुनिक भारत के शिल्पकार और लौह पुरुष पटेल की 150वीं जयंती की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक स्मारक सिक्का और स्मारक डाक टिकट जारी किया। यह सिर्फ सम्मान नहीं, बल्कि राष्ट्र को यह याद दिलाने का अवसर है कि राष्ट्र निर्माण कोई अध्याय नहीं यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।

लौह पुरुष से राष्ट्र निर्माता—भारत को एक सूत्र में पिरोने वाली शक्ति

सरदार पटेल को अक्सर “Iron Man of India” कहा जाता है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में याद दिलाया कि पटेल केवल लौह पुरुष नहीं थे वे वह शक्ति थे जिन्होंने 562 रियासतों को एक भारत में पिरोया, वह भी ऐसे समय में जब विभाजन की आग देश को तोड़ने की कोशिश कर रही थी।उनके संकल्प, साहस और दूरदृष्टि ने भारत को वह स्वरूप दिया, जिसे आज हम गर्व से ‘राष्ट्र’ कहते हैं।

स्मारक सिक्का और डाक टिकट—सिर्फ वस्तुएँ नहीं, एक संदेश

PM मोदी ने कहा कि यह सिक्का केवल धातु का टुकड़ा नहीं है यह भारत की एकता के संकल्प का प्रतीक है।वहीं, जारी किया गया डाक टिकट केवल एक फोटो या छाप नहीं…यह राष्ट्र निर्माण की उस ऐतिहासिक यात्रा पर लगी मुहर है, जिसे पटेल ने अपने अथक प्रयासों से जोड़कर खड़ा किया।इन दोनों स्मृति चिह्नों का उद्देश्य युवा पीढ़ी को यह याद दिलाना है कि भारत की शक्ति उसकी विविधता में, उसकी एकता में और उसके संकल्प में है।

150वीं जयंती—एक याद दिलाना, एक प्रेरणा, एक संकल्प

सरदार पटेल की 150वीं जयंती सिर्फ एक वर्षगांठ नहीं है।यह याद दिलाने का क्षण है कि आज का भारत, पटेल की उस लोहे जैसी इच्छाशक्ति, दृढ़ता और निर्णय क्षमता का परिणाम है।उन्होंने कहा था मेरे देश को कोई तोड़ नहीं सकताआज पूरा भारत उसी विश्वास, उसी संकल्प और उसी शक्ति को दोहरा रहा है।

सरदार पटेल भारत की अटूट एकता का आधार

पीएम मोदी द्वारा जारी स्मारक सिक्का और डाक टिकट आने वाली पीढ़ियों के लिए संदेश है कि भारत का निर्माण त्याग, साहस और दृढ़ता से हुआ है।पटेल की सोच हमें बताती है कि भारत सिर्फ भूमि का टुकड़ा नहीं…यह एक विचार है एकता का, संकल्प का, और अखंडता का भारत आज भी पटेल के मार्ग पर चल रहा है मजबूती के साथ, एकता के साथ, और विश्व में अपनी पहचान के साथ।

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