लोकतंत्र पर गहरा संकट
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों ने सबको चौंका दिया, लेकिन अब ‘The H Files’ नामक खुलासे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि भाजपा की सरकार चुनावी जीत से नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर वोट चोरी से बनी है। ये दस्तावेज़ ब्लैक एंड व्हाइट सबूतों से भरे पड़े हैं, जो मतदाता सूची में व्यापक धांधली को उजागर करते हैं। ये केवल एक राज्य की समस्या नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की जड़ों पर हमला है। आंकड़े चौंकाने वाले हैं – लाखों फर्जी वोटर, डुप्लिकेट फोटो और काल्पनिक पते। क्या ये संयोग है या सुनियोजित साजिश?
मुख्य खुलासे: फर्जी वोटरों का जाल
‘The H Files’ में सबसे चौंकाने वाला मामला ब्राजील की एक मॉडल का है, जो हरियाणा की वोटर लिस्ट में दर्ज हो गई। एक नहीं, दस अलग-अलग बूथों पर उसका नाम शामिल है और उसने 22 बार वोट डाला! हर बार नया नाम, लेकिन फोटो एक ही। एक बूथ पर तो 223 वोटरों के नाम अलग-अलग थे, मगर सभी की तस्वीरें समान – स्पष्ट फोटोशॉप का कमाल! कांग्रेस के अनुसार, ये कोई इत्तेफाक नहीं, बल्कि सिस्टमैटिक फ्रॉड है।
और ये तो बस शुरुआत है। एक घर का पता दिखाया गया जहां 501 वोटर दर्ज हैं, लेकिन वो घर वास्तव में कागजों पर ही अस्तित्व में है – जमीन पर कुछ नहीं! कुल मिलाकर 1 लाख 24 हजार फर्जी तस्वीरों वाले वोटर पकड़े गए। सबसे हैरान करने वाली बात – हजारों लोग हरियाणा और उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों में डबल वोटर बने हुए हैं। ये डुप्लिकेट एंट्रीज कैसे हुईं? Election Commission की निगरानी में इतनी बड़ी चूक?
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आरोप: ECI और BJP की मिलीभगत?
कांग्रेस का सीधा आरोप है कि ये सब Election Commission और भाजपा की मिलीभगत से संभव हुआ। वोटर लिस्ट में इतनी बड़ी गड़बड़ियां बिना अंदरूनी सहयोग के नामुमकिन हैं। क्या ECI ने आंखें मूंद लीं? या जानबूझकर अनदेखा किया? ये सवाल अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुके हैं। अगर ये आरोप साबित हुए, तो न केवल हरियाणा सरकार अवैध हो जाएगी, बल्कि पूरे चुनावी सिस्टम पर भरोसा डगमगा जाएगा। लोकतंत्र में वोट की पवित्रता सबसे ऊपर है – इसे चोरी करना मतलब जनता की आवाज को दबाना।
युवाओं से अपील: सत्य और अहिंसा का रास्ता
देश के युवाओं, विशेषकर Gen-Z से मैं कहना चाहता हूं – वक्त आ गया है सच्चाई का साथ देने का। भीड़ का हिस्सा बनकर नहीं, जागरूक मतदाता बनकर। वोट चोरी का एकमात्र इलाज है ईमानदार वोटिंग और सतत निगरानी। सवाल पूछिए, सबूत मांगिए, सोशल मीडिया पर आवाज उठाइए। अहिंसा और सत्य गांधीजी का हथियार था – आज भी वही हमें बचाएगा। लोकतंत्र तब तक जीवित है, जब तक हम सवाल करते रहेंगे।

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