बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के करीब आते ही राजनीतिक माहौल में तेज गरमाहट महसूस की जा रही है। सभी दल अपने-अपने मुद्दों को लेकर जनता तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी भी सक्रिय हो गए हैं। भोजपुर और भागलपुर में आयोजित बड़ी रैलियों के जरिए उन्होंने फिर से चुनावी मैदान में सत्तारूढ़ दल बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे-सीधे चुनौती देने की कोशिश की।
राहुल गांधी का सीधा हमला: “जनता गलत नीतियों को नहीं भूली”
राहुल गांधी का सीधा हमला: “जनता गलत नीतियों को नहीं भूली”अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि बिहार की जनता उन सभी नीतियों और फैसलों को याद रखती है जिनका असर आम लोगों पर पड़ा है। उनके अनुसार, जनता बदलाव चाहती है और यह चुनाव उसी बदलाव का संकेत दे सकता है।उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार की सरकार पिछले कई वर्षों में जनता की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरी।राहुल गांधी का यह बयान चुनावी माहौल को और गर्म करने का काम कर गया, क्योंकि उन्होंने अपने भाषण में स्थानीय मुद्दों से लेकर राष्ट्रीय नीतियों तक कई पहलुओं को छुआ।
अमित शाह के बेटे जय शाह पर सीधा तंज
अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी का एक बयान अचानक चर्चा में आ गया। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह पर स्वरूप से हमला करते हुए कहा क्रिकेट प्रशासन कैसे चला सकते हैं, जब बैट पकड़ना भी नहीं जानते?”यह तंज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। समर्थक और विरोधी दोनों पक्ष इस बयान को लेकर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राहुल का यह बयान भाजपा नेतृत्व की छवि पर सवाल उठाने की रणनीति का हिस्सा है।
रैली का मकसद: BJP की नीतियों और नेतृत्व पर सवाल
राहुल गांधी की रैलियों का मुख्य उद्देश्य भाजपा और उसके नेताओं की छवि पर प्रश्न उठाना और कांग्रेस के लिए समर्थन जुटाना बताया जा रहा है।उन्होंने अपनी रैली में बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की समस्याओं और बिहार की आर्थिक चुनौतियों जैसे मुद्दों को भी उठाया।
कांग्रेस की रणनीति स्पष्ट है—बीजेपी के नेतृत्व पर सवाल उठाकर मतदाताओं के बीच एक राजनीतिक विकल्प के रूप में खुद को स्थापित करना।
दूसरे चरण से पहले और तीखी होती सियासत
जैसे-जैसे चुनाव का दूसरा चरण करीब आता जा रहा है, राजनीतिक बयानबाजी भी और तेज हो रही है। भाजपा, जेडीयू और कांग्रेस—तीनों ही दल पूरे दमखम के साथ मैदान में उतर चुके हैं। राहुल गांधी के इस आक्रामक भाषण के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा और एनडीए की ओर से इसका कैसे जवाब दिया जाता है।राजनीतिक पंडितों का मानना है कि इस तरह के बयान चुनावी माहौल को और अधिक धारदार बनाते हैं, लेकिन इसका फायदा किसे मिलेगा, यह मतदाता ही तय करेंगे।बिहार चुनाव के दूसरे चरण की सरगर्मी अपने चरम पर है। राहुल गांधी द्वारा पीएम मोदी, नीतीश कुमार और जय शाह पर सीधे हमले ने माहौल को और गर्म बना दिया है। सवाल यह है—क्या कांग्रेस की यह रणनीति वोटरों पर असर डालेगी या एनडीए अपनी पकड़ मजबूत रखेगा?

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