November 12, 2025

PM मोदी का ‘सिक्सर’ बयान,RJD पर तीखा वार या चुनावी स्टाइल डायलॉग? बिहार राजनीति में गर्मी

बिहार की राजनीति इन दिनों सिर्फ नारों और वादों तक सीमित नहीं रही—अब चुनावी मंचों पर फिल्मी डायलॉग, गाने, पंचलाइन और तंज़ भी चल रहे हैं। ताज़ा विवाद छिड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक मज़ाकिया लेकिन तीखे बयान से, जिसने चुनावी माहौल में नईबहस को जन्म दे दिया है। पीएम मोदी ने सभा में कहा सिक्सर की 6 गोली छाती में रे!”यह लाइन सुनकर लोग पहले चौंके, फिर हँसे… और फिर समझ गए कि असली निशाना किस पर है।

PM मोदी का तंज़ हमला सीधे RJD पर

PM मोदी ने अपने भाषण में यह लाइन गाने की तरह कही, लेकिन इसका संदेश पूरी तरह राजनीतिक था। प्रधानमंत्री ने साफ कहा—
“RJD का काम ही है अपराध और भ्रष्टाचार का सिक्सर मारना!यानी यह सिर्फ एक मज़ेदार लाइन नहीं थी—बल्कि RJD और तेजस्वी यादव की राजनीति पर सीधा वार।मोदी ने आरोप लगाया कि RJD के दौर में

  • अपराध बढ़ता है
  • भ्रष्टाचार फैलता है
  • और विकास रुक जाता है

सभा में उनके इस बयान पर जमकर तालियाँ बजीं, लेकिन राजनीति का मैदान तुरंत गरमा गया।

RJD का जवाब: “हमारा किसी गाने से कोई लेना-देना नहीं!”

RJD ने तुरंत प्रेस बयान जारी कर मोदी के तंज़ का पलटवार किया। पार्टी ने कहा प्रधानमंत्री गानों और फिल्मी डायलॉग में राजनीति मिला रहे हैं। हमारी पार्टी का इससे कोई संबंध नहीं!”RJD नेताओं ने पूछा कि क्या यही मुद्दे हैं जिन पर चुनाव लड़े जाएंगे?क्या प्रधानमंत्री बिहार के असली सवालों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं?RJD ने यह भी कहा कि जनता अब समझ चुकी है कि असल मुकाबला विकास बनाम प्रचार का है।

जनता का सवाल: भाषण या फिल्मी स्क्रिप्ट?

जनता और सोशल मीडिया पर लोगों ने इस घटना को खूब शेयर किया। कई लोग बोले यह भाषण था या फिल्म का प्रमोशन?सियासत अब डायलॉगबाज़ी बन चुकी है?असली मुद्दों की जगह अब मनोरंजन पर फोकस?इंटरनेट पर मीम्स बन गए, रील्स बनने लगीं, और “सिक्सर की 6 गोली” चुनावी विमर्श का नया ट्रेंड बन गया।

बिहार की राजनीति: सिर्फ वोट नहीं, वाकयुद्ध चल रहा है

चुनाव नज़दीक हैं और नेताओं के तीर अब सीधे नहीं, तीखे और स्टाइलिश होकर चल रहे हैं।

  • मोदी ‘सिक्सर’ की बात कर रहे हैं
  • RJD ‘विकास’ बनाम ‘भटकाव’ की बहस उठा रही है
  • जनता मज़ाक भी कर रही है और मुद्दे भी उठाती जा रही है

बिहार का चुनाव अब सिर्फ राजनीतिक लड़ाई नहीं—बल्कि शब्दों का युद्ध, व्यंग्य का मैदान और डायलॉग-पॉलिटिक्स बन चुका है। आने वाले दिनों में यह वाकयुद्ध और तेज़ होने वाला है।

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