पंजाब की राजनीति में एक बड़ा झटका लगा है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने मोगा नगर निगम के मेयर बलजीत सिंह चाणी को पार्टी से तुरंत प्रभाव से निष्कासित कर दिया है। साथ ही, उनका मेयर पद से भी इस्तीफा ले लिया गया है। यह फैसला नशा तस्करों के साथ उनके कथित संबंधों के पुख्ता सबूत मिलने के बाद लिया गया। AAP के राज्य महासचिव हरचंद सिंह बरसाट द्वारा जारी आधिकारिक पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि चाणी पर ‘गलत गतिविधियों’ में लिप्त होने के आरोप सिद्ध हो चुके हैं। यह घटना पंजाब में नशे के खिलाफ चल रही मुहिम को नई दिशा दे सकती है, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह कार्रवाई सिर्फ एक व्यक्ति तक सीमित रहेगी या पार्टी की व्यापक सफाई अभियान की शुरुआत है?
बलजीत सिंह चाणी: AAP का ‘पोस्टर बॉय’ जो पहला मेयर बना
बलजीत सिंह चाणी पंजाब में AAP का चेहरा थे। 2023 में मोगा नगर निगम चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की नितिका भल्ला को हराकर पार्टी का पहला मेयर बनने का गौरव प्राप्त किया। एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में चाणी ने अनक्लेम्ड बॉडीज को क्रिमेट करने वाली NGO चलाई, जिससे उनकी छवि एक नेकदिल नेता की बनी। AAP के 2022 विधानसभा चुनाव में 92 सीटें जीतने के बाद मोगा में यह जीत पार्टी के लिए ऐतिहासिक थी। चाणी ने विकास कार्यों को गति देने का वादा किया था, लेकिन अब यही नेता नशा तस्करी के आरोपों में फंस गया। Media के अनुसार, चाणी को ‘पार्टी लॉयलिस्ट’ माना जाता था, जो अब विवादों के केंद्र में हैं।
आरोपों की बुनियाद: ड्रग कार्टेल से नजदीकी और सबूतों की जांच
पार्टी ने आरोप लगाया कि चाणी का नशा तस्करों से गहरा नाता था। रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो और फोटो जैसे ठोस सबूत मिले, जिसमें चाणी एक ड्रग पैडलर को संरक्षण देने के कथित प्रयास दिखाए गए। ट्रिब्यून इंडिया ने बताया कि ये सबूत सीनियर लीडर्स तक पहुंचे, जिसके बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई। पाटियाला पॉलिटिक्स के अनुसार, यह सस्पेंशन ‘युद्ध नशियां विरुद्ध’ अभियान का हिस्सा है, जहां मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। चाणी ने अभी तक इन आरोपों का खंडन नहीं किया, लेकिन स्थानीय स्तर पर यह खबर तहलका मचा रही है। क्या ये संबंध सिर्फ व्यक्तिगत थे या संगठन स्तर पर फैले हुए? जांच जारी है।
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AAP की सख्ती: पार्टी हाईकमान का त्वरित फैसला
AAP पंजाब ने इस मामले में देरी नहीं की। 27 नवंबर 2025 को जारी पत्र में कहा गया कि चाणी को सभी पदों से मुक्त कर दिया गया है। Media ने इसे ‘पोस्टर बॉय’ से ‘पारी आउट’ करार दिया। पार्टी प्रवक्ता ने कहा, “नशे के खिलाफ हमारी लड़ाई में कोई समझौता नहीं।” यह कार्रवाई भगवंत मान सरकार के ड्रग-फ्री पंजाब अभियान को मजबूत करती दिख रही है, जहां रोजाना 70-100 तस्कर पकड़े जा रहे हैं। हाल ही में दिन 271 पर 93 तस्कर गिरफ्तार हुए, 1 किलो हेरोइन बरामद हुई। लेकिन विपक्षी दलों ने सवाल उठाए कि क्या AAP के अन्य नेता भी जांच के दायरे में आएंगे? सोशल मीडिया पर #MogaMayorExpelled ट्रेंड कर रहा है, जहां यूजर्स पार्टी की तारीफ कर रहे हैं।
राजनीतिक निहितार्थ: नशे की जड़ें उखाड़ने की शुरुआत या सियासी सफाई?
यह घटना पंजाब की राजनीति को हिला रही है। AAP ने सत्ता में आने पर नशे को 3 महीने में खत्म करने का वादा किया था, लेकिन चुनौतियां बरकरार हैं। चाणी का मामला पार्टी की छवि को धक्का पहुंचा सकता है, खासकर जब वे लोकसभा चुनावों की तैयारी में हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई पार्टी की आंतरिक सफाई का संकेत है, जो भ्रष्टाचार-मुक्त छवि को बचाए रखने के लिए जरूरी है। जनता की नजरें अब हाईकमान पर हैं – क्या बड़े नामों पर भी कार्रवाई होगी? यदि हां, तो यह ‘नया पंजाब’ का असली कदम होगा। फिलहाल, मोगा में नया मेयर चुनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

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