चुनावी हार के बाद RJD में संकट: रोहिणी का चौंकाने वाला ऐलान
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने RJD को करारा झटका दिया है। महागठबंधन को महज 41 सीटें मिलीं, जबकि NDA ने 202 सीटों पर कब्जा जमाया। RJD अकेले 25 सीटों पर सिमट गई, हालांकि वोट शेयर में 23% हासिल कर सबसे आगे रही। तेजस्वी यादव ने रघोपुर से हैट्रिक लगाई, लेकिन पार्टी की कुल हार ने आंतरिक कलह को उभार दिया। इसी हार के एक दिन बाद, 15 नवंबर 2025 को लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, “मैं राजनीति छोड़ रही हूं और परिवार को भी अस्वीकार कर रही हूं।” यह फैसला RJD के लिए सिर्फ हार का नहीं, बल्कि उत्तराधिकार संकट का संकेत है।
परिवारिक कलह का खुलासा: संजय यादव पर निशाना
रोहिणी का फैसला अचानक नहीं था। सितंबर 2025 से ही वे पार्टी और परिवार से नाराज चल रही थीं। उन्होंने एक्स पर लालू, तेजस्वी, तेज प्रताप और मीसा भारती को अनफॉलो कर लिया था। कारण? तेजस्वी के करीबी सलाहकार संजय यादव (राज्यसभा सांसद) का बढ़ता प्रभाव। रोहिणी ने बिहार अधिकार यात्रा के दौरान संजय को फ्रंट सीट पर बैठने की आलोचना की थी। अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, “यह फैसला संजय यादव और रमीज ने मुझे करने को कहा। मैं सारी जिम्मेदारी लूंगी।” बाद में पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में रोहिणी ने गंभीर आरोप लगाए—कहा कि परिवार ने उन्हें घर से निकाल दिया, अपमानित किया, गाली दी और चप्पल भी मारी। उन्होंने कहा, “मेरा अब परिवार नहीं बचा। संजय, रमीज और तेजस्वी से पूछो, उन्होंने मुझे बाहर किया क्योंकि मैं सवाल उठाती हूं।” यह विवाद यादव परिवार की एकता को चोट पहुंचा रहा है, जहां पहले ही तेज प्रताप को पार्टी से निकाल दिया गया था।
RJD पर असर: हार के बाद आंतरिक विभाजन गहराया
RJD के लिए यह संकट गहरा है। रोहिणी, जो 2024 लोकसभा चुनाव में सारण से हार चुकी थीं, पार्टी की युवा चेहरा थीं। 2022 में उन्होंने लालू को किडनी दान की थी, जो परिवारिक बंधन का प्रतीक था। लेकिन अब यह फैसला पार्टी की रणनीति पर सवाल खड़े कर रहा है। RJD प्रवक्ता ने इसे “परिवारिक मामला” बताया, लेकिन विपक्षी नेता इसे कमजोरी मान रहे हैं। BJP के दिलीप जायसवाल ने कहा, “लालू परिवार टूट रहा है, रोहिणी ने किडनी दी थी, फिर भी ऐसा व्यवहार?” JD(U) की श्वेता गुप्ता ने RJD के वादों को झूठा करार दिया। सोशल मीडिया पर #RohiniAcharya और #RJDDrama ट्रेंड कर रहा है, जहां यूजर्स परिवारिक कलह पर मीम्स शेयर कर रहे हैं। चैनलों ने लाइव डिबेट चलाई, जहां विशेषज्ञों ने कहा कि यह RJD की 2028 की तैयारी को प्रभावित करेगा।
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भविष्य की चुनौतियां: तेजस्वी पर बढ़ी जिम्मेदारी
रोहिणी का संन्यास RJD के लिए चिंता का विषय है या पुनर्गठन का मौका? विश्लेषकों का मानना है कि यह परिवारिक विभाजन पार्टी की एकजुटता को कमजोर करेगा। तेजस्वी अब हार के कारणों—गठबंधन गणित, वोट विभाजन और आंतरिक असंतोष—पर पुनर्विचार करेंगे। रोहिणी ने कहा, “चाणक्य बनने वालों से सवाल पूछना गुनाह है।” RJD को नई रणनीति अपनानी होगी, जैसे युवा नेतृत्व मजबूत करना और जातीय समीकरण साधना। NDA सरकार गठन की तैयारी में है, नीतीश कुमार फिर सीएम बन सकते हैं। बिहार की सियासत में यह नया मोड़ याद दिलाता है कि राजनीति में परिवारिक बंधन भी टूट सकते हैं। क्या RJD इस संकट से उबरेगा? हम हर अपडेट लाएंगे।

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