October 15, 2025

बिहार चुनाव AIMIM प्रमुख ओवैसी ने आरजेडी पर नाराजगी जताई, महागठबंधन पर उठाए सवाल

बिहार चुनाव से पहले AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने महागठबंधन और आरजेडी को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी ने आरजेडी को गठबंधन की इच्छा जताई थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। हैदराबाद के सांसद इस समय बिहार के सीमांचल इलाके का दौरा कर रहे हैं, जहां मुस्लिम आबादी का बड़ा हिस्सा है और AIMIM का प्रभाव काफी मजबूत माना जाता है।

एकतरफा राजनीति पर ओवैसी का बयान

ओवैसी ने पत्रकारों से कहा कि गठबंधन की इच्छा कमजोरी का संकेत नहीं थी। उनका कहना था, “हम चुनाव जीतने के लिए लड़ेंगे, लेकिन राजनीति में एकतरफा मोहब्बत नहीं चलती। ऐसी बातें सिर्फ फिल्मों में अच्छी लगती हैं।” यह बयान स्पष्ट रूप से गठबंधन की दिशा में आई देरी और जवाब न मिलने पर नाराजगी को दर्शाता है।

‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद पर ओवैसी की प्रतिक्रिया

बीजेपी और आरएसएस के ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद पर ओवैसी ने कहा कि पैगंबर के प्रति मुसलमानों की मोहब्बत जताने में कोई आपत्तिजनक बात नहीं है। उन्होंने कहा, “अगर इसे देशविरोधी लगता है, तो इसका मतलब वे मोहब्बत के खिलाफ हैं।” ओवैसी ने भारत की विविधता और संविधान में धर्म स्वतंत्रता की बात भी की। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुसलमान भले ही भारत में अल्पसंख्यक हों, लेकिन पूरे उपमहाद्वीप में उनकी संख्या सबसे ज्यादा है।

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गठबंधन और चुनाव रणनीति

ओवैसी ने बताया कि AIMIM ने आरजेडी को गठबंधन के लिए चिट्ठी भेजी थी, लेकिन अब तक कोई उत्तर नहीं मिला। उनकी पार्टी बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 6 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। ओवैसी का मानना है कि उनका अल्पसंख्यक वोटों पर अच्छा प्रभाव है और इससे पार्टी को विधानसभा में मजबूत स्थिति बनाने में मदद मिलेगी।

सीमांचल इलाके में AIMIM का प्रभाव

सीमांचल इलाके में AIMIM का समर्थन खासकर मुस्लिम समुदाय में मजबूत माना जाता है। ओवैसी का दौरा स्थानीय चुनाव प्रचार और मतदाताओं से संवाद के लिए महत्वपूर्ण है। उनका उद्देश्य अल्पसंख्यक वोटों को एकजुट करना और पार्टी के लिए चुनावी आधार मजबूत करना है। बिहार चुनाव में AIMIM की सक्रियता और ओवैसी के बयान महागठबंधन और राजनीतिक समीकरणों पर असर डाल सकते हैं। गठबंधन पर नाराजगी और अल्पसंख्यक वोटों के लिए संघर्ष पार्टी की चुनावी रणनीति को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं। साथ ही, ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद पर उनके बयान ने धार्मिक और सामाजिक संवेदनाओं पर प्रकाश डाला है।

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