November 13, 2025

बिहार चुनाव: स्पेशल ट्रेनों पर सिब्बल के आरोप, ECI-BJP गठजोड़ का दावा!

परिचय: चुनावी माहौल में नया विवाद

बिहार विधानसभा चुनाव के बीच चुनाव आयोग की एक पहल ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। आयोग ने अन्य राज्यों में रह रहे बिहारी मतदाताओं को वोट डालने के लिए बिहार लौटने में मदद करने की योजना बनाई, लेकिन यह कदम विपक्षी नेताओं को खटक रहा है। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग और रेलवे मंत्रालय पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिब्बल ने दावा किया कि यह सब बीजेपी के फायदे के लिए सुनियोजित है, जिससे निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।

सिब्बल के मुख्य आरोप: संदिग्ध ट्रेनें और वोटरों की वापसी

3 नवंबर को हरियाणा से बिहार के लिए चार स्पेशल ट्रेनें रवाना हुईं, जिनमें करीब 6,000 यात्री संदिग्ध परिस्थितियों में सवार थे। सिब्बल ने पूछा कि अगर ये असली बिहारी वोटर हैं, तो चुनाव से ठीक पहले स्पेशल ट्रेनों की जरूरत क्यों पड़ी? उन्होंने आरोप लगाया कि यह ऑपरेशन बीजेपी की चुनावी रणनीति का हिस्सा है, ताकि बाहर रह रहे समर्थकों को लाकर वोटिंग प्रभावित की जाए। सिब्बल ने कहा, “चुनाव आयोग निष्पक्ष है या बीजेपी का सहयोगी बन गया?” यह सवाल आयोग की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।

छठ पूजा का तर्क और रेल मंत्री पर सवाल

सिब्बल ने तर्क दिया कि अगर स्पेशल सर्विस वाकई मतदाताओं की सुविधा के लिए थी, तो छठ पूजा जैसे बड़े त्योहार पर ऐसी ट्रेनें क्यों नहीं चलाई गईं? उस समय लाखों बिहारी घर लौटते हैं, लेकिन तब कोई विशेष व्यवस्था नहीं हुई। अब चुनाव के समय अचानक ट्रेनें चलाना संदेहास्पद लगता है। उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से जवाब मांगा और चुनाव आयोग की चुप्पी पर कटाक्ष किया। सिब्बल का कहना है कि आयोग की जिम्मेदारी निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है, इसलिए इस मामले की स्वतंत्र जांच जरूरी है।

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आयोग और सरकार की चुप्पी: आगे क्या?

फिलहाल, रेल मंत्रालय और चुनाव आयोग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। बिहार का चुनावी माहौल पहले से गर्म है, और सिब्बल के आरोपों ने आग में घी डाल दिया है। क्या यह स्पेशल ट्रेनें वाकई मतदाताओं की मदद के लिए हैं या बीजेपी का ‘स्पेशल प्लान’? विपक्ष इसे चुनावी धांधली का मामला बता रहा है, जबकि सत्ता पक्ष इसे सामान्य सुविधा मान सकता है। देखना यह है कि आयोग जांच का आदेश देता है या नहीं। यह विवाद चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकता है।

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