October 14, 2025

चिदंबरम का विवादित बयान: ऑपरेशन ब्लू स्टार और राजनीतिक हलचल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम का हालिया बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार को “गलत तरीका” बताया और कहा कि इसी की वजह से प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अपनी जान गंवानी पड़ी।

चिदंबरम ने यह बात हिमाचल प्रदेश के कसौली में आयोजित लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान कही। उन्होंने कहा, “ब्लू स्टार गोल्डन टेंपल को वापस लेने का गलत तरीका था… कुछ साल बाद हमने दिखाया कि बिना सेना के सही तरीका क्या होता है। किसी भी सेना अधिकारी का अपमान नहीं, लेकिन ब्लू स्टार गलत था और श्रीमती इंदिरा गांधी ने उस गलती की कीमत अपनी जान देकर चुकाई।”

ऑपरेशन ब्लू स्टार: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में आतंकवादियों की घुसपैठ और कब्जे को समाप्त करने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था। इस ऑपरेशन के दौरान भारी गोलीबारी हुई और हज़ारों लोग मारे गए, जिनमें निर्दोष नागरिक भी शामिल थे।

कुछ ही महीनों बाद, 31 अक्टूबर 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी। यह घटना इतिहास में ऑपरेशन ब्लू स्टार की सबसे दर्दनाक परिणति मानी जाती है।

चिदंबरम का बयान: राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

चिदंबरम के बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। कुछ लोग इसे साहसिक स्वीकारोक्ति बता रहे हैं, जबकि कई लोग इसे सेना के त्याग और बलिदान पर सवाल उठाने जैसा मान रहे हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि चिदंबरम का बयान न केवल कांग्रेस के भीतर पुराने जख्म को फिर से याद दिलाता है, बल्कि देश में ऑपरेशन ब्लू स्टार की नीतिगत आलोचना को भी सामने लाता है।

ऑपरेशन ब्लू स्टार पर विवाद

ऑपरेशन ब्लू स्टार को लेकर हमेशा ही विवाद रहा है। कुछ लोगों का मानना है कि सेना का इस्तेमाल आवश्यक था, जबकि कई इतिहासकार और राजनीतिक विश्लेषक इसे गलत रणनीति बताते हैं।

मुख्य विवादित बिंदु:

  1. सैन्य हस्तक्षेप का तरीका (Military Approach): क्या यह कार्रवाई स्थानीय समुदाय और नागरिकों के लिए उचित थी?
  2. निष्पक्षता और न्याय (Justice & Fairness): क्या निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा को पर्याप्त महत्व दिया गया?
  3. राजनीतिक परिणाम (Political Fallout): इस ऑपरेशन ने इंदिरा गांधी की हत्या जैसी घटनाओं को जन्म दिया।
  4. धार्मिक और सामाजिक संवेदनशीलता (Religious Sensitivity): सिक्ख समुदाय की भावनाओं का सम्मान।

कांग्रेस और देश में राजनीतिक असर

चिदंबरम के बयान ने कांग्रेस के भीतर भी चर्चा छेड़ दी है। यह बयान कुछ लोगों को पार्टी की ईमानदारी और आत्ममूल्यांकन के रूप में दिखाई दे रहा है, जबकि कुछ इसे पुराने विवाद को उभारने वाला मान रहे हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि 2025 जैसे महत्वपूर्ण चुनावों के समय यह बयान कांग्रेस और विपक्षी महागठबंधन के लिए रणनीतिक असर भी डाल सकता है।

इतिहास की नई व्याख्या या पुराना विवाद?

पी. चिदंबरम का बयान यह सवाल उठाता है कि क्या ऑपरेशन ब्लू स्टार सच में “गलत तरीका” था। इसका मूल्यांकन इतिहासकारों, राजनीतिक विश्लेषकों और जनता द्वारा किया जाना बाकी है।

चिदंबरम ने स्पष्ट किया कि किसी भी सेना अधिकारी का अपमान नहीं, बल्कि यह केवल ऐतिहासिक और राजनीतिक आलोचना है। यह बयान देश में चर्चा और बहस को फिर से जीवित कर रहा है।

यह स्पष्ट है कि ऑपरेशन ब्लू स्टार केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि इसके सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक परिणाम आज भी देश में गूंज रहे हैं।

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