October 14, 2025

जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को NSA के तहत गिरफ्तार, जोधपुर में स्थानांतरण

जलवायु कार्यकर्ता और सामाजिक अभियानों के लिए जाने जाने वाले सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तारी के बाद उन्हें जोधपुर जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है। NSA के तहत गिरफ्तारी के कारण बिना जमानत लंबी अवधि तक हिरासत में रखा जा सकता है।

स्थानांतरण और इंटरनेट निलंबन
सूत्रों के अनुसार, सोनम वांगचुक को जल्द ही लद्दाख से बाहर ले जाया जा सकता था। इस गिरफ्तारी के बाद लेह में इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दी गई हैं, जिससे स्थानीय नागरिकों और समर्थकों में चिंता बढ़ गई है। इंटरनेट निलंबन से सूचना प्रवाह बाधित हुआ और लोगों के लिए यह चिंता का विषय बन गया।

सोनम वांगचुक के काम और उपलब्धियाँ
सोनम वांगचुक को जलवायु कार्य और सामाजिक अभियानों के लिए व्यापक पहचान मिली है। वे पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा और समाजिक जागरूकता से जुड़े कार्यों में सक्रिय हैं। उनकी गतिविधियों ने युवाओं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद की है।

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NSA के तहत कानूनी चिंता
विशेषज्ञों का कहना है कि NSA का इस्तेमाल केवल गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में किया जाना चाहिए। सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों में चिंता बढ़ा दी है। कई लोग उनके तत्काल रिहाई की मांग कर रहे हैं और इस गिरफ्तारी के कानूनी और मानवीय पहलुओं पर सवाल उठा रहे हैं।

समर्थकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया
सोनम वांगचुक के समर्थक और मानवाधिकार कार्यकर्ता उनकी रिहाई के लिए आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु कार्यकर्ताओं को बिना ठोस कारण लंबी हिरासत में रखना लोकतंत्र और मानवाधिकारों के सिद्धांतों के खिलाफ है। सोशल मीडिया और नागरिक मंचों पर भी इस मामले को लेकर व्यापक चर्चा हो रही है।

भविष्य की कानूनी दिशा और सवाल
NSA के तहत सोनम वांगचुक को कितने समय तक हिरासत में रखा जाएगा और जोधपुर में उनका स्थानांतरण कैसे आगे बढ़ेगा, यह सवाल अभी अनसुलझा है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि अदालत और संबंधित प्रशासन को इस मामले में पारदर्शिता बनाए रखनी होगी। सोनम वांगचुक की NSA के तहत गिरफ्तारी ने जलवायु कार्यकर्ताओं और सामाजिक अभियानों से जुड़े समुदाय में चिंता और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। उनका जोधपुर में स्थानांतरण और लंबी हिरासत इस मामले को और संवेदनशील बना रहे हैं। इस समय कानून, मानवाधिकार और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।

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