दिल्ली की सड़कों पर हुई BMW दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हादसे में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी नवजोत सिंह की मौत हो गई थी, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। यह मामला शुरुआत से ही सुर्खियों में रहा और अब इसमें एक नया खुलासा हुआ है।

रिश्तेदार का अस्पताल निकला
जांच में सामने आया है कि जिस अस्पताल में आरोपी गगनप्रीत कौर ने हादसे के बाद घायलों को भर्ती कराया था, वह अस्पताल उसके ही एक रिश्तेदार का है। यह अस्पताल है जीटीबी नगर स्थित न्यूलाइफ अस्पताल। पुलिस टीम जब मंगलवार को अस्पताल पहुंची और वहां के दस्तावेजों की जांच की, तब यह संबंध स्पष्ट हुआ।
बड़ा सवाल: संयोग या रणनीति?
इस खुलासे के बाद सवाल उठने लगे हैं कि आखिर गगनप्रीत ने यही अस्पताल क्यों चुना?क्या यह सिर्फ एक संयोग था कि अस्पताल उसके रिश्तेदार का निकला, या फिर केस को अपने हिसाब से मैनेज करने की एक रणनीति? यह सवाल जांच एजेंसियों के लिए बेहद अहम है।
गिरफ्तारी और आरोप
गौरतलब है कि 38 साल की गगनप्रीत कौर को सोमवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने के तुरंत बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन पर गैर-इरादतन हत्या सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल उन्हें दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है और बुधवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है।
पुलिस की जांच तेज
इस नए खुलासे के बाद पुलिस की जांच और भी तेज हो गई है। अधिकारियों का मानना है कि अगर अस्पताल का चयन जानबूझकर किया गया था, तो इसका सीधा असर केस की दिशा पर पड़ सकता है। पुलिस अस्पताल के रिकॉर्ड और डॉक्टरों के बयान खंगाल रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं सबूत छिपाने या मामले को प्रभावित करने की कोशिश तो नहीं हुई।
समाज में उठे सवाल
यह मामला सिर्फ एक सड़क हादसे का नहीं रहा, बल्कि इसमें कई परतें खुल रही हैं।लोग अब पूछ रहे हैं कि क्या पैसे और रसूख के दम पर कोई भी कानून से खिलवाड़ कर सकता है? और क्या पीड़ितों को इंसाफ मिलने में देरी होगी?
आगे का रास्ता
अब सबकी निगाहें अदालत और जांच एजेंसियों पर हैं। गगनप्रीत कौर की जमानत याचिका पर आने वाला फैसला इस केस की दिशा तय करेगा।यह साफ है कि दिल्ली का यह BMW केस सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि कानून, व्यवस्था और न्याय व्यवस्था पर उठते बड़े सवालों का आईना बन चुका है।

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