क्या कोई रोबोट भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी को रोक सकता है? अल्बानिया ने इस सवाल का जवाब देने की ठानी है। दुनिया के सामने एक अनोखा उदाहरण पेश करते हुए, अल्बानिया ने अपनी सरकार में पहली बार एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बॉट को मंत्री बनाया है। इसका नाम है डिएला, जिसका अर्थ अल्बानियाई भाषा में “सूरज” है। यह कदम न केवल तकनीकी क्रांति का प्रतीक है, बल्कि भ्रष्टाचार से जूझ रहे इस देश की छवि को बदलने की एक बड़ी कोशिश भी है।
डिएला: भ्रष्टाचार के खिलाफ एक नई उम्मीद
अल्बानिया के प्रधानमंत्री एडी रामा, जो लगातार चौथी बार सत्ता में हैं, ने 11 सितंबर 2025 को डिएला की नियुक्ति की घोषणा की। डिएला को सार्वजनिक खरीद और सरकारी ठेकों की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है। इसका मकसद सरल लेकिन महत्वाकांक्षी है—100% भ्रष्टाचार मुक्त टेंडर प्रक्रिया सुनिश्चित करना। सालों से अल्बानिया में सरकारी ठेकों में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें रही हैं, जिसने देश की छवि को धूमिल किया और यूरोपीय यूनियन (EU) में शामिल होने की राह में बाधा डाली। रामा का लक्ष्य 2030 तक EU में शामिल होना है, और डिएला को इस दिशा में एक “डिजिटल तस्वीर” के रूप में देखा जा रहा है।
डिएला का कामकाज: पहले से सक्रिय
डिएला कोई नई तकनीक नहीं है। इसे इस साल की शुरुआत में “ई-अल्बानिया” प्लेटफॉर्म पर लॉन्च किया गया था, जहां यह एक वर्चुअल असिस्टेंट के रूप में काम करती थी। इसने अब तक 36,600 डिजिटल दस्तावेज जारी करने में मदद की है और लगभग 1,000 सेवाएं प्रदान की हैं। वॉइस कमांड और डिजिटल सिग्नेचर के जरिए यह नागरिकों को सरकारी सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करती है। अब, कैबिनेट मेंबर के रूप में, डिएला सरकारी टेंडरों की निगरानी करेगी और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी।
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चुनौतियां और सवाल
हालांकि यह कदम क्रांतिकारी है, लेकिन कई सवाल अनुत्तरित हैं। डिएला की निगरानी कौन करेगा? अगर कोई इस AI सिस्टम को हैक कर ले, तो जिम्मेदारी किसकी होगी? विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि AI में पक्षपात या साइबर हमलों का जोखिम हो सकता है। इसके अलावा, कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि डिएला की संवैधानिक स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। क्या एक AI वाकई उस भ्रष्टाचार को खत्म कर सकती है, जिससे इंसानी सुधारक भी जूझते रहे हैं?
जनता की राय: उत्साह और आशंका
सोशल मीडिया पर डिएला को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इसे तकनीकी प्रगति का प्रतीक मान रहे हैं, तो कुछ आशंकित हैं। एक यूजर ने लिखा, “अल्बानिया में डिएला भी भ्रष्ट हो जाएगी।” दूसरे ने कहा, “गलती इंसानों की होगी, बदनाम डिएला होगी।” ये प्रतिक्रियाएं दर्शाती हैं कि तकनीक पर भरोसा है, लेकिन इसका इस्तेमाल करने वाले इंसानों पर संदेह बरकरार है।
भविष्य की राह
डिएला अकेले सिस्टम को बदल नहीं सकती। भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए मानवीय इच्छाशक्ति और जवाबदेही जरूरी है। अल्बानिया का यह प्रयोग दुनिया के लिए एक नजीर हो सकता है, बशर्ते इसे सही दिशा में लागू किया जाए। तकनीक भरोसेमंद हो सकती है, लेकिन इसका असली प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि इंसान इसे कैसे इस्तेमाल करते हैं।
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