November 28, 2025

ED का रॉबर्ट वाड्रा पर दूसरा चार्जशीट: संजय भंडारी मनी लॉन्ड्रिंग केस में नया मोड़

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और प्रमुख कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ एक और बड़ा एक्शन लिया है। एजेंसी ने ब्रिटेन स्थित हथियार सलाहकार संजय भंडारी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वाड्रा को आरोपी बनाते हुए दूसरी पूरक अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) दिल्ली की विशेष PMLA अदालत में दाखिल कर दी। यह वाड्रा के खिलाफ ED की कुल तीसरी चार्जशीट है, जो राजनीतिक हलकों में हंगामा मचा रही है। जुलाई 2025 में हरियाणा के शिकोहपुर भूमि सौदे में अनियमितताओं से जुड़े मामले में पहली चार्जशीट दाखिल हो चुकी थी।

मामले की शुरुआत: 2016 के आयकर छापों से

यह केस 2016 में शुरू हुआ, जब आयकर विभाग ने दिल्ली में संजय भंडारी के परिसरों पर छापा मारा। छापों में ईमेल और दस्तावेज बरामद हुए, जो भंडारी के वाड्रा और उनके सहयोगियों से कथित संबंधों की ओर इशारा करते थे। भंडारी, एक प्रमुख हथियार डीलर, छापों के तुरंत बाद लंदन भाग गया। ED ने फरवरी 2017 में PMLA के तहत मामला दर्ज किया, जो आयकर विभाग की ब्लैक मनी एक्ट चार्जशीट पर आधारित था। एजेंसी ने पहले ही भंडारी मामले में दो चार्जशीट दाखिल कर चुकी है—2020 और 2023 में—लेकिन अब वाड्रा को सीधे आरोपी बनाया गया है।

लंदन संपत्ति पर फोकस: वाड्रा की कथित भूमिका

ED की जांच का केंद्र बिंदु लंदन के ब्रायनस्टन स्क्वायर पर एक लग्जरी संपत्ति है, जिसे भंडारी ने 2009 में खरीदा था। एजेंसी का दावा है कि वाड्रा ने इस संपत्ति के इंटीरियर को अपने निर्देशों के अनुसार नवीनीकृत करवाया, जिसमें उनके द्वारा प्रदान किए गए फंड्स का इस्तेमाल हुआ। जुलाई 2025 में वाड्रा का PMLA के तहत बयान दर्ज किया गया, जहां उन्हें अंतरराष्ट्रीय साक्ष्यों से सामना कराया गया, लेकिन उनके जवाब असंतोषजनक पाए गए। ED ने कई भारतीय संपत्तियों को जब्त किया है, जो कथित रूप से वाड्रा या उनके जुड़े संस्थानों से लिंक हैं और अपराध की आय का प्रतिनिधित्व करती हैं। जांच में हरियाणा की भूमि लेन-देन भी शामिल हैं, जहां फंड्स को ऑफशोर इकाइयों के जरिए रूट करने का आरोप है।

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भंडारी का प्रत्यर्पण असफल, भारत में भगोड़ा घोषित

संजय भंडारी (63 वर्ष) का प्रत्यर्पण ब्रिटेन की अदालत ने खारिज कर दिया था। जुलाई 2025 में दिल्ली की अदालत ने उन्हें भगोड़ा आर्थिक अपराधी (FEO) घोषित किया। ED का कहना है कि भंडारी ने विदेशी संपत्तियों और अनुचित वित्तीय लेन-देन के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की। वाड्रा से ED ने पहले कई बार पूछताछ की है, जिसमें 2019 में उन्हें अग्रिम जमानत भी मिली। वाड्रा ने सभी आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि लंदन में उनकी कोई संपत्ति नहीं है—न सीधे, न अप्रत्यक्ष रूप से। उन्होंने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और कोर्ट की अगली सुनवाई

कांग्रेस ने ED के कदम को ‘राजनीतिक साजिश’ बताया है, जबकि भाजपा ने इसे कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा कहा। प्रियंका गांधी ने अभी तक सार्वजनिक बयान नहीं दिया, लेकिन पार्टी नेता इसे विपक्ष को निशाना बनाने की कोशिश बता रहे हैं। विशेष अदालत में चार्जशीट 15 नवंबर 2025 को दाखिल हुई, और अगली सुनवाई 6 दिसंबर 2025 को निर्धारित है। ED की तीन अलग-अलग जांचों में वाड्रा फंसे हैं, जो हरियाणा भूमि डील से जुड़ी हैं। फिलहाल, जांच जारी है और कोर्ट की कार्यवाही पर सबकी नजर टिकी है। क्या यह मामला वाड्रा के कारोबारी साम्राज्य को झकझोर देगा? समय ही बताएगा।

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