October 15, 2025

पाक सेना पर RAW के पूर्व प्रमुख विक्रम सूद की तीखी टिप्पणी

पूर्व RAW प्रमुख विक्रम सूद ने हाल ही में पाकिस्तान और उसकी सेना के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान अब एक “न्यूक्लियर हथियार वाला बनाना रिपब्लिक” बन चुका है, जो अपनी नीतियों और सेना की विचारधारा के कारण दुनिया के लिए खतरा है। उनके अनुसार, पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर को “जिहादी जनरल” कहा जा सकता है, क्योंकि उनकी सोच और निर्णय पूरी तरह से धार्मिक और विचारधारात्मक दृष्टिकोण से प्रभावित हैं।

पाकिस्तानी सेना की विचारधारा और उद्देश्यों की सच्चाई

विक्रम सूद ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी सेना के अधिकारी पेशेवर नहीं हैं। उनका मुख्य उद्देश्य सत्ता पर काबिज रहना और क्षेत्रीय दबदबा बनाए रखना है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि भारतीय सेना के अधिकारी कभी भी यह नहीं कह सकते कि हिंदू और मुसलमान एक साथ नहीं रह सकते, लेकिन पाकिस्तानी जनरल खुलेआम ऐसे विचार व्यक्त करते हैं। सूद के अनुसार, पाकिस्तान की सेना की जीत की परिभाषा भी अलग है। उनके लिए, चाहे कितनी भी जिंदगियां चली जाएं, जमीन पर कब्ज़ा ही उनकी जीत मानी जाती है।

आतंकवाद और पाकिस्तानी रणनीति

पूर्व RAW प्रमुख ने पाकिस्तान की रणनीति को लेकर भी गंभीर चेतावनी दी। उनके मुताबिक, पाकिस्तान की सेना हमेशा आइडियोलॉजिकल अफसरों पर आधारित रही है। ये अधिकारी न केवल देश के भीतर सत्ता का ध्यान रखते हैं, बल्कि विदेशों में अपनी विचारधारा के अनुसार नीतियां बनाते हैं। विक्रम सूद ने कहा कि पाकिस्तान की नीतियों में हिंसा और आतंकवाद की भूमिका स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है।

भारत के लिए संदेश

विक्रम सूद ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत को सतर्क रहने की आवश्यकता है। पाकिस्तान की इस आइडियोलॉजिकल सेना और उसकी नीतियों को समझना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हमेशा पेशेवर और निष्पक्ष रहती है, जबकि पाकिस्तान की सेना की हर गतिविधि राजनीतिक और धार्मिक विचारधारा से प्रेरित होती है।

पूर्व RAW प्रमुख विक्रम सूद के इस बयान से स्पष्ट है कि पाकिस्तान और उसकी सेना आज भी क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं। उनके अनुसार, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों और सेना को सतर्क रहना चाहिए और रणनीतिक दृष्टिकोण से अपनी तैयारी लगातार बनाए रखनी चाहिए। पाकिस्तान की सेना की जिहादी मानसिकता और उसकी सत्ता के लिए विचारधारा-आधारित नीतियां भारत के लिए चुनौतीपूर्ण हैं।

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