जन्मदिन का अनोखा उत्सव: बुर्ज खलीफा की चमक में मोदी का चित्रण
17 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर दुबई का बुर्ज खलीफा—दुनिया की सबसे ऊंची इमारत—रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा उठा। भारतीय तिरंगे के रंगों में नहाई यह इमारत पीएम मोदी की तस्वीरें प्रदर्शित कर रही थी, साथ ही ‘Happy Birthday’, ’75 Years’, ‘Service is the Resolve’ और ‘India First the Inspiration’ जैसे संदेश चमक रहे थे। यह लाइट शो UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की ओर से एक दोस्ताना इशारा था, जो भारत-UAE के मजबूत रिश्तों को रेखांकित करता है। दुबई की सड़कों पर मौजूद पर्यटक और निवासी इस नजारे को मोबाइल में कैद करते नजर आए, और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। ANI का वीडियो अकेले लाखों व्यूज बटोर चुका, जहां बुर्ज की दीवारें मोदी की सादगीपूर्ण मुस्कान और सेवा के संदेशों से जगमगा रही थीं। यह इवेंट न केवल एक व्यक्तिगत जन्मदिन मनाने का माध्यम था, बल्कि वैश्विक कूटनीति का प्रतीक भी—जैसे स्वतंत्रता दिवस पर भी बुर्ज तिरंगे में रंगा था।
वैश्विक बधाइयों की बौछार: दुनिया भर से शुभकामनाएं
पीएम मोदी का जन्मदिन वैश्विक पटल पर छाया रहा। UAE के राष्ट्रपति ने X पर लिखा, “नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। आपकी सेहत और खुशी की कामना करता हूं, तथा भारत की प्रगति में सफलता की दुआ करता हूं।” पीएम ने जवाब में कहा, “मेरे भाई, आपकी गर्मजोशीपूर्ण शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। हमारी दोस्ती और भारत-UAE साझेदारी नई ऊंचाइयों को छू रही है।” रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फोन पर बधाई दी, इजरायल के बेंजामिन नेतन्याहू, इटली की जॉर्जिया मेलोनी और न्यूजीलैंड के नेता भी पीछे न रहे। WHO के डायरेक्टर टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने उनकी नेतृत्व क्षमता की सराहना की, जबकि ब्रिटिश राजा चार्ल्स ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से प्रेरित होकर कदंब का पेड़ भेंट किया। पूर्व ब्रिटिश PM ऋषि सुनक ने कहा, “मोदी जी के साथ काम करना सौभाग्य था।” ये शुभकामनाएं मोदी की वैश्विक छवि को मजबूत करती हैं, जहां भारत को एक उभरती महाशक्ति के रूप में देखा जा रहा है।
यह भी पढ़ें : HDFC बैंक कर्मचारी का सेना अधिकारी पर अपमान: ‘गंवार’ कहने पर नौकरी से बर्खास्तग
सोशल मीडिया पर तूफान: वीडियो वायरल, मीम्स की बाढ़
बुर्ज खलीफा का लाइट शो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया। X पर #HappyBirthdayModi और #BurjKhalifaModi ट्रेंड करने लगे, जहां लाखों यूजर्स ने वीडियो शेयर किए। एक यूजर ने लिखा, “पूरी दुनिया मोदी पर प्यार लुटा रही है। चारismatic लीडर!” ANI के वीडियो को 34,000 लाइक्स मिले, जबकि टाइम्स अलजेब्रा का पोस्ट 16,000 से ज्यादा रीपोस्ट्स के साथ वायरल हुआ। लेकिन खुशी के बीच मीम्स भी आए—कुछ ने इसे ‘अनप्रेसिडेंटेड’ बताया, तो कुछ ने जोड़ा, “भारत का गर्व, दुनिया की प्रेरणा!” स्टेट मिरर हिंदी जैसे पेजों ने हिंदी में वीडियो शेयर कर लाखों व्यूज बटोरे। यह वायरलिटी दिखाती है कि कैसे एक इवेंट पूरी डिजिटल दुनिया को जोड़ देता है, और भारतीय डायस्पोरा दुबई में इसका सबसे ज्यादा आनंद ले रहा था।
विवाद की शुरुआत: ‘टैक्स का पैसा’ या ‘दोस्ताना इशारा’?
खुशी के ठीठुर में विवाद भी घुस आया। कुछ यूजर्स ने तंज कसा, “बुर्ज खलीफा पर 3 मिनट का ऐड 60 लाख रुपये का—टैक्स का पैसा कहां जा रहा है? सड़कें टूटी, गटर भरे पड़े हैं!” एक पोस्ट में कहा गया, “जन्मदिन की बधाई और बुर्ज पर पेड ऐड—मोदी जी को खुश करने के लिए?” विपक्षी समर्थक इसे ‘फॉरेन पॉलिसी की नाकामी’ से जोड़ रहे, जैसे चाबहार पोर्ट पर US सैंक्शंस के बीच “बर्थडे विशेज फॉरेन पॉलिसी नहीं बनाते।” सरकारी सूत्रों का कहना है कि यह कोई पेड प्रमोशन नहीं, बल्कि UAE की ओर से सांकेतिक सम्मान है—जैसा स्वतंत्रता दिवस पर हुआ। लेकिन बहस छिड़ गई: क्या यह डिप्लोमैटिक गेस्चर है, या भारतीय टैक्सपेयर्स का पैसा बर्बाद?
भारत-UAE संबंध: मजबूत दोस्ती का प्रतीक
यह लाइट शो भारत और UAE के गहरे रिश्तों की मिसाल है। 3.5 मिलियन भारतीय प्रवासियों के साथ UAE भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है—2024 में द्विपक्षीय व्यापार 100 बिलियन डॉलर को पार कर गया। मोदी की 2015 की दुबई यात्रा से शुरू हुई यह दोस्ती अब CEPA समझौते तक पहुंची, जो निवेश और पर्यटन को बढ़ावा दे रही है। बुर्ज का यह सम्मान सॉफ्ट डिप्लोमेसी का उदाहरण है—जैसे न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर मोदी की तस्वीरें लगी थीं। यह दिखाता है कि मोदी की विदेश नीति ‘नेबरहुड फर्स्ट’ से आगे बढ़कर ग्लोबल साझेदारियां बना रही है। UAE ने पहले भी योग दिवस और गणतंत्र दिवस पर ऐसे इवेंट किए, जो सांस्कृतिक आदान-प्रदान को मजबूत करते हैं।
गर्व या सवाल: सोशल मीडिया की जंग
सोशल मीडिया पर दो खेमे साफ हैं। एक तरफ BJP समर्थक इसे ‘गर्व का क्षण’ बता रहे, “दुनिया मोदी को सलाम कर रही!” दूसरी ओर आलोचक सवाल उठा रहे, “ट्रंप सैंक्शंस लगा रहे, और यहां बर्थडे पार्टी? फॉरेन पॉलिसी फेल!” एक मीम में लिखा, “बुर्ज पर हैप्पी बर्थडे, लेकिन चाबहार पर सैंक्शन—सब चंगा सी!” यह बहस लोकतंत्र की खूबसूरती दिखाती है—जहां प्रशंसा और आलोचना साथ चलती हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि ऐसे इवेंट्स देश की सॉफ्ट पावर बढ़ाते हैं, भले ही घरेलू मुद्दे अनसुलझे रहें।
गर्व करें या सवाल उठाएं?
बुर्ज खलीफा का यह लाइट शो मोदी के व्यक्तित्व और भारत की बढ़ती वैश्विक पहचान का प्रतीक है। यह डिप्लोमैटिक गेस्चर है, जो UAE जैसे सहयोगी से आया—टैक्स का पैसा नहीं, बल्कि दोस्ती का तोहफा। लेकिन सोशल मीडिया सही कह रहा: गर्व के साथ सवाल भी जरूरी हैं। क्या यह विदेशी तारीफ घरेलू चुनौतियों को छिपा रही? मेरी राय में, गर्व करें—क्योंकि मजबूत रिश्ते ही भारत को मजबूत बनाते हैं। लेकिन सवाल उठाते रहें, ताकि विकास सबका हो। आप क्या कहते हैं—गर्व का पल या सवालों की घड़ी?

संबंधित पोस्ट
रंगा रेड्डी सड़क हादसा: 24 की मौत, 20 घायल; पीएम ने 2 लाख मुआवजा, सीएम ने 5 लाख घोषित!
इसरो की नई उड़ान: 4,410 किग्रा. का CMS-03 ‘बाहुबली’ से अंतरिक्ष में स्थापित!
ऋषिकेश में तनु रावत विवाद: संस्कृति की आड़ में अभिव्यक्ति की आज़ादी पर सवाल