October 14, 2025

हरियाणा सरकार का सख्त कदम: धर्म छिपाकर शादी पर अमान्यता और सजा

हरियाणा सरकार ने धर्मांतरण पर लगाम कसने के लिए उठाया कदम

हरियाणा सरकार ने धोखे से या जबरदस्ती किए गए धर्मांतरण और धर्म छिपाकर शादी करने की घटनाओं पर सख्ती बढ़ाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व वाली सरकार ने सभी उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी किए हैं कि वे अवैध धर्मांतरण पर कड़ी नजर रखें और हरियाणा विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन निवारण अधिनियम एवं नियम, 2022 का सख्ती से पालन करें। इस कानून के तहत, यदि कोई व्यक्ति विवाह के लिए अपना धर्म छिपाता है, तो ऐसा विवाह कानूनी रूप से अमान्य माना जाएगा। हालांकि, ऐसे विवाह से जन्मी संतान को कानूनी रूप से वैध माना जाएगा और उसे संपत्ति में उत्तराधिकार का पूरा अधिकार प्राप्त होगा।

कानून का उद्देश्य: धोखाधड़ी और जबरदस्ती रोकना

राज्य की गृह सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने स्पष्ट किया कि इस कानून का मकसद धार्मिक स्वतंत्रता को सीमित करना नहीं है, बल्कि विवाह के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी और जबरदस्ती धर्मांतरण को रोकना है। सरकार का कहना है कि हाल के वर्षों में धर्म छिपाकर या जबरदस्ती धर्मांतरण के बाद विवाह के मामले बढ़े हैं। इस तरह की घटनाएं न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करती हैं, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक स्थिरता पर भी असर डालती हैं। इस कानून के जरिए सरकार का लक्ष्य विवाह में पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ावा देना है, ताकि कोई भी व्यक्ति धोखे का शिकार न हो।

सजा और जुर्माने का प्रावधान

हरियाणा विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन निवारण अधिनियम, 2022 के तहत सख्त प्रावधान किए गए हैं। यदि कोई व्यक्ति धोखे, लालच, बल या अनुचित प्रभाव डालकर धर्म परिवर्तन कराता है, चाहे वह विवाह के लिए ही क्यों न हो, उसे गंभीर सजा का सामना करना पड़ सकता है। कानून के अनुसार, धर्म छिपाकर शादी करने वाले व्यक्ति को 3 से 10 साल तक की जेल और कम से कम 3 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति विवाह के नाम पर धोखाधड़ी या जबरदस्ती न कर सके।

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संतानों के अधिकार सुरक्षित

कानून में यह स्पष्ट किया गया है कि भले ही धर्म छिपाकर किया गया विवाह अमान्य घोषित हो, लेकिन उस विवाह से जन्मी संतान को पूर्ण कानूनी मान्यता मिलेगी। ऐसी संतानें अपने माता-पिता की संपत्ति में उत्तराधिकार का अधिकार रखेंगी। यह प्रावधान बच्चों के हितों की रक्षा करता है और यह सुनिश्चित करता है कि वे माता-पिता के गलत निर्णयों की सजा न भुगतें।

सामाजिक स्थिरता और महिलाओं की सुरक्षा

हरियाणा सरकार का मानना है कि यह कानून न केवल धोखाधड़ी और जबरदस्ती धर्मांतरण को रोकेगा, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा और पारिवारिक स्थिरता को भी बढ़ावा देगा। बीते कुछ वर्षों में धोखे से धर्मांतरण और विवाह के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें विशेष रूप से महिलाएं शिकार हुई हैं। इस कानून के लागू होने से ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगेगा और विवाह जैसे पवित्र बंधन में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

कड़ाई से लागू होगा कानून

गृह सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस कानून का कड़ाई से पालन करें। सभी उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को अवैध धर्मांतरण की घटनाओं पर नजर रखने और दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। सरकार का यह कदम न केवल कानूनी व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि समाज में विश्वास और सद्भाव को भी बढ़ाएगा।

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