नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक घटना हुई, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। भारत और तालिबान के बीच यह मुलाकात कूटनीति के इतिहास में एक अहम मोड़ के रूप में दर्ज हो गई। अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी भारत पहुंचे और उन्होंने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से बंद कमरे में करीब एक घंटे तक बातचीत की।
बड़ी बातचीत: सुरक्षा, आतंकवाद और मानवीय मुद्दे
दोनों नेताओं के बीच चर्चा में मुख्य रूप से सुरक्षा, आतंकवाद और मानवीय सहायता जैसे बड़े मुद्दे शामिल थे। मुलाकात के बाद मुत्तकी ने महत्वपूर्ण बयान दिया और कहा कि अफ़ग़ानिस्तान की ज़मीन किसी भी देश के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने दी जाएगी। यह बयान भारत के लिए बेहद अहम है, क्योंकि पाकिस्तान और चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच काबुल का भारत को भरोसा देना, क्षेत्रीय रणनीति और संतुलन की नई दिशा दिखाता है।
भारत की प्रतिक्रिया और नीति
विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत अफ़ग़ानिस्तान के साथ मानवीय और विकास साझेदारी को मजबूत करने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत चाहता है कि अफ़ग़ानिस्तान की ज़मीन आतंकवाद के लिए अड्डा न बने और वहां का शासन अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पालन करे। यह मुलाकात सिर्फ बातचीत नहीं थी, बल्कि भारत की विदेश नीति में संतुलन और स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत भी है।
संतुलित रिश्तों की नई शुरुआत
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुलाकात भारत और अफ़ग़ानिस्तान के बीच संतुलित रिश्तों की नई शुरुआत को दर्शाती है। अगर काबुल में स्थिरता आती है, तो पूरे दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा का माहौल बन सकता है। यह बातचीत दर्शाती है कि भारत अब अफ़ग़ानिस्तान के साथ अपने संबंधों को सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि रणनीतिक और मानवीय दृष्टिकोण से भी मजबूत करना चाहता है।
वैश्विक मायने और भविष्य
हालांकि भारत और तालिबान के बीच यह मुलाकात बंद कमरे में हुई, लेकिन इसके वैश्विक मायने खुले हैं। दुनिया अब यह देख रही है कि क्या यह मुलाकात दक्षिण एशिया में स्थिरता और शांति के लिए एक नई शुरुआत साबित होगी या केवल कूटनीति का एक नया अध्याय। आने वाला समय ही तय करेगा कि इस मुलाकात के प्रभाव क्या होंगे और क्षेत्रीय संतुलन कैसे प्रभावित होगा।
संबंधित पोस्ट
मुंबई एयरपोर्ट पर पकड़े गए अवैध विदेशी जीव और कस्टम की कार्रवाई
अफगानिस्तान में महिला पत्रकारों के अधिकारों पर संकट, तालिबान ने संवाद से किया इनकार
क्रिप्टो मार्केट में $19 बिलियन का ऐतिहासिक नुकसान, बिटकॉइन में भारी गिरावट