August 28, 2025

भारत की अर्थव्यवस्था: पीएम मोदी का ट्रंप और राहुल को जवाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर दिए गए बयानों का करारा जवाब दिया है। ट्रंप ने भारत को ‘डेड इकॉनमी’ करार दिया था, जबकि राहुल गांधी ने भी उनके सुर में सुर मिलाया था। पीएम मोदी ने वाराणसी की एक रैली और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पीएमओ के हैंडल से एक लेख के माध्यम से दोनों को तथ्यों के साथ जवाब दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।

वैश्विक अस्थिरता में भारत की स्थिरता

विश्व में आर्थिक अस्थिरता के बीच, पीएम मोदी ने वाराणसी में कहा कि सभी देश अपने हितों को प्राथमिकता दे रहे हैं। ऐसे में भारत को भी अपनी आर्थिक रणनीति पर सतर्क रहना होगा। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से एकजुट होकर ‘स्वदेशी’ उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील की। मोदी ने अपने ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को दोहराते हुए कहा, “हमें केवल भारतीय उत्पाद खरीदने चाहिए और लोकल के लिए वोकल बनना चाहिए।” यह बयान ट्रंप के उस पोस्ट के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने भारत पर 25% आयात शुल्क लगाने और रूस के साथ संबंधों पर टिप्पणी की थी।

यह भी पढ़ें : भारत-इंग्लैंड 5वां टेस्ट: रोमांचक मुकाबला और जुबानी जंग

राहुल गांधी के दावों का खंडन

राहुल गांधी ने भी भारत की अर्थव्यवस्था को ‘डेड’ बताया था, जिसका जवाब पीएमओ ने एक लेख के माध्यम से दिया। ‘इंडियाज इकॉनमी इज अलाइव एंड किकिंग’ शीर्षक वाले इस लेख में कहा गया कि भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच उम्मीद की किरण है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत ने 6.5% की वास्तविक जीडीपी वृद्धि और 9.8% की नॉमिनल जीडीपी वृद्धि हासिल की है। यह पीएम मोदी के नेतृत्व में नीतिगत स्थिरता और घरेलू मांग पर आधारित आर्थिक मॉडल का परिणाम है।

वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति

S&P के अनुमानों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 में अमेरिका की वृद्धि 1.5%, ब्रिटेन की 0.8%, जर्मनी की 0.9%, फ्रांस की 0.6%, जापान की 0.5%, और चीन की 4.3% रहने की उम्मीद है। इसके विपरीत, भारत की 6.5% की अनुमानित वृद्धि इसे सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाती है। 695 अरब डॉलर से अधिक का विदेशी मुद्रा भंडार और स्थिर वित्तीय प्रणाली भारत को बाहरी झटकों से बचाती है।

आर्थिक सुधारों की गति

एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का चालू खाता घाटा (CAD) वित्तीय वर्ष 2025-26 में केवल 0.9% रहने का अनुमान है, जबकि राजकोषीय घाटा 4.4% रहेगा। डिजिटल बुनियादी ढांचे, जैसे यूपीआई और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी (94.49 करोड़ ग्राहक), ने अर्थव्यवस्था को औपचारिक रूप दिया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में बुनियादी ढांचे और डिजिटलीकरण पर ध्यान ने भारत को वैश्विक मंच पर मजबूत किया है।

Share