उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में प्रशासन ने मदरसों की गहन जांच अभियान की शुरुआत की है। अब तक 18 मदरसों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से तीन को नियमों के उल्लंघन के चलते सील कर दिया गया है। प्रशासन की इस कार्रवाई से इलाके में हलचल मच गई है।
जांच क्यों शुरू हुई?
सूत्रों के मुताबिक, जिला प्रशासन को कुछ मदरसों की गतिविधियों और उनकी वैधता को लेकर शिकायतें मिली थीं। इन शिकायतों के आधार पर एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने दस्तावेज़, मान्यता, फंडिंग सोर्स और गतिविधियों की जांच शुरू की।
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तीन मदरसे क्यों किए गए सील?
जांच के दौरान जिन तीन मदरसों को सील किया गया है, उनके खिलाफ मुख्यतः निम्नलिखित आरोप पाए गए:
- बिना किसी वैध मान्यता के संचालित हो रहे थे
- छात्रों का रिकॉर्ड अधूरा या संदिग्ध पाया गया
- भवन और सुरक्षा मानकों का उल्लंघन
- विदेशी फंडिंग के स्रोतों में पारदर्शिता की कमी
प्रशासन का क्या कहना है?
नैनीताल ज़िले के डीएम वंदना सिंह ने बताया हमारा उद्देश्य किसी समुदाय को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि सभी शैक्षणिक संस्थान नियमों के तहत और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए संचालित हों।उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जांच आगे भी जारी रहेगी और जो भी संस्थान नियमों का उल्लंघन करेगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक बयानबाज़ी भी शुरू
मदरसों पर हुई इस कार्रवाई को लेकर राजनीति भी तेज़ हो गई है। कुछ विपक्षी दलों ने प्रशासन की कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए विरोध जताया है । जबकि भाजपा नेताओं ने इसे कानून व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में सही कदम बताया।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय स्तर पर प्रतिक्रिया मिली-जुली रही। कुछ लोगों ने प्रशासन की कार्रवाई को सराहा है, वहीं कुछ लोगों ने कहा कि इससे शिक्षा की स्वतंत्रता पर सवाल उठ सकते हैं। हालांकि अधिकांश लोग यही चाहते हैं कि अगर कोई संस्थान गड़बड़ी कर रहा है, तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

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