October 13, 2025

मिड-एयर थप्पड़ कांड IndiGo फ्लाइट 6E138 में यात्री ने दूसरे यात्री को मारा थप्पड़, केबिन में अफरा-तफरी

देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइंस में से एक IndiGo Airlines एक बार फिर विवादों में है।मुंबई से कोलकाता जा रही IndiGo की फ्लाइट 6E138 में मिड-एयर थप्पड़ कांड हो गया जिसके चलते उड़ान के दौरान ही अफरा-तफरी मच गई और यात्री घबरा गए।

क्या हुआ फ्लाइट 6E138 में?

वायरल हो रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक यात्री अपनी सीट पर बैठा होता है और अचानक उठकर सामने खड़े एक यात्री को ज़ोरदार थप्पड़ मार देता है। पीड़ित यात्री झटका खाकर पीछे हट जाता है और visibly घबराया हुआ नजर आता है।फ्लाइट के केबिन क्रू ने तुरंत मामले में हस्तक्षेप किया और पीड़ित को वहां से हटाकर स्थिति को नियंत्रित किया।

पीड़ित को था पैनिक अटैक, फिर भी मारा थप्पड़

फ्लाइट में मौजूद चश्मदीद यात्रियों के मुताबिक, जिसे थप्पड़ मारा गया वह पैनिक अटैक से जूझ रहा था।वह शारीरिक रूप से किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहा था,बल्कि खुद की मानसिक हालत को संभालने की कोशिश कर रहा था।ऐसे में उस पर हमला करना न सिर्फ गंभीर संवेदनशीलता की कमी को दिखाता है बल्कि एयर सेफ्टी प्रोटोकॉल के भी खिलाफ है।

IndiGo ने दी सफाई, हमलावर को सौंपा गया सिक्योरिटी को

IndiGo Airlines ने इस पूरे मामले को लेकर आधिकारिक बयान जारी किया यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारे केबिन क्रू ने तुरंत स्थिति को संभाला और लैंडिंग के बाद आरोपी यात्री को सिक्योरिटी एजेंसियों के हवाले कर दिया गया। ऐसी किसी भी तरह की हिंसा या दुर्व्यवहार को एयरलाइन बर्दाश्त नहीं करती।एयरलाइन ने यह भी बताया कि इस मामले की सूचना DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) और अन्य संबंधित नियामक एजेंसियों को दे दी गई है।

क्या मिड-एयर हिंसा के लिए है सजा?

फ्लाइट के भीतर मारपीट या शारीरिक हमले को भारतीय विमानन नियमों के तहत गंभीर अपराध माना जाता है।
ऐसे मामलों में आरोपी को नो-फ्लाई लिस्ट में डाला जा सकता है । कानूनी कार्रवाई हो सकती है। और कई मामलों में जेल तक की सजा संभव है।DGCA के नियमों के अनुसार, कोई भी यात्री जो फ्लाइट में हिंसक बर्ताव करता है, उसे अनफिट टू फ्लाई घोषित किया जा सकता है।

मानसिक स्वास्थ्य और यात्री व्यवहार क्या जागरूकता की कमी है?

यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि हमारे समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समझ और संवेदनशीलता की भारी कमी है।
अगर किसी यात्री को पैनिक अटैक आ रहा हो, तो उसकी मदद की जानी चाहिए न कि उस पर हमला किया जाए।फ्लाइट क्रू को ऐसे हालात में फर्स्ट रेस्पॉन्स देने की ट्रेनिंग होती है लेकिन दूसरे यात्रियों से भी संयम और समझदारी की अपेक्षा की जाती है।

यात्रियों को भी समझदारी दिखानी होगी

IndiGo मिड-एयर थप्पड़ कांड सिर्फ एक खबर नहीं बल्कि यह एक चेतावनी है कि अगर फ्लाइट्स में हम अपना संयम नहीं रखेंगे,
तो एयर ट्रैवल की सुरक्षा और गरिमा दोनों खतरे में पड़ सकती है। यात्रियों को चाहिए कि वे ऐसे हालात में धैर्य रखें, क्रू की बात मानें और संवेदनशीलता दिखाएं।हवाई सफर कोई बस का टिकट नहीं यह सुरक्षा, नियमों और ज़िम्मेदारी की मांग करता है।

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