बिहार के लाखों वोटरों के लिए एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है, जिसमें बताया गया है कि करीब 65 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं। लेकिन अच्छी बात यह है कि यह जानकारी अब सार्वजनिक रूप से उपलब्ध करा दी गई है।
क्या है मामला?
चुनाव आयोग ने कहा है कि यह नाम हटाने की प्रक्रिया विधानसभा क्षेत्रों में विशेष गहन पुनरीक्षण का हिस्सा थी। यह लिस्ट अब हर जिले की आधिकारिक वेबसाइटों पर पंचायत भवन, BDO ऑफिस और पंचायत कार्यालयों मेंBLO (Booth Level Officer) और BLA (Booth Level Agent) के पास उपलब्ध करा दी गई है।
आपका नाम क्यों हटाया गया हो सकता है?
रिपोर्ट के अनुसार, जिन लोगों के नाम हटाए गए हैं, उनके पीछे मुख्य कारण हैं
- मृत्यु की सूचना
- स्थायी रूप से घर बदलना
- डुप्लिकेट प्रविष्टियाँ (Duplicate entries)
इन सभी कारणों के साथ यह लिस्ट सार्वजनिक कर दी गई है, जिससे हर नागरिक खुद देख सके कि उसका नाम क्यों हटाया गया।
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नाम नहीं है? क्या करें?
अगर आपको लगता है कि आपका नाम लिस्ट से गलती से हटा दिया गया है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप अपने आधार कार्ड के साथ नजदीकी BLO या पंचायत कार्यालय में जाकर फॉर्म भरकर दावा प्रस्तुत कर सकते हैं।चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि हर नागरिक को नाम वापस जुड़वाने का पूरा मौका दिया जाएगा।
याद रखें आपका वोट, आपका अधिकार है
वोट देना केवल एक अधिकार नहीं, बल्कि लोकतंत्र की बुनियाद है। अगर आपने अभी तक अपनी जानकारी चेक नहीं की है, तो देर मत कीजिए।यह जानकारी हर मतदाता तक पहुँचना ज़रूरी है, ताकि कोई भी वोटर सिर्फ लिस्ट में नाम न होने की वजह से अपने अधिकार से वंचित न रह जाए।
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