November 13, 2025

पाकिस्तान की मरीन एजेंसी का हमला! भारतीय नाव कब्जे में, 8 मछुआरों का अपहरण

भारत और पाकिस्तान के बीच समुद्री सीमा को लेकर एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। ताज़ा घटनाक्रम में पाकिस्तान की मरीन एजेंसी ने भारतीय मछुआरों को निशाना बनाते हुए ‘नर नारायण’ नामक भारतीय मछली पकड़ने वाली नाव को कब्जे में ले लिया और उस पर सवार 8 मछुआरों का अपहरण कर लिया।इनमें 7 गुजरात और 1 महाराष्ट्र के मछुआरे शामिल हैं। यह घटना भारत के तटीय क्षेत्रों में चिंता, गुस्सा और असुरक्षा की भावना को बढ़ा रही है।

पाकिस्तानी मरीन एजेंसी का दावा – ‘नो-फिशिंग जोन में घुसपैठ’

पाकिस्तान का कहना है कि भारतीय नाव नो-फिशिंग जोन में अवैध रूप से घुस गई थी, इसलिए कार्रवाई की गई।उनका दावा है कि नाव अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानूनों का उल्लंघन कर रही थी, इसलिए इसे कब्जे में लिया गया।लेकिन भारतीय मछुआरों के परिवार और उनके संगठन इस दावे को सिरे से खारिज करते हैं।

“अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास ही थे, पाक की मनमानी है!”

गुजरात के तटीय इलाकों में रहने वाले मछुआरों के परिवारों का कहना है कि ये सभी लोग अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा के बेहद नज़दीक, लेकिन भारतीय सीमा के भीतर ही मछली पकड़ रहे थे। उनके अनुसार

  • पाकिस्तानी एजेंसी अक्सर भारतीय नावों को जबरन घसीटकर अपने पानी में ले जाती है।
  • बाद में उन्हें “सीमा उल्लंघन” के नाम पर हिरासत में रखा जाता है।

परिवार सवाल उठा रहे हैं यह कब तक चलेगा? हर बार भारतीय मछुआरों को ही क्यों निशाना बनाया जाता है?

तटीय इलाकों में बढ़ा डर और गुस्सा

घटना के बाद गुजरात के पोरबंदर, ओखा और जामनगर क्षेत्र में मछुआरों में गहरा डर फैल गया है।
लोगों का कहना है कि पाकिस्तान का रवैया लगातार आक्रामक होता जा रहा है।
मछुआरों के मुताबिक—

  • समुद्र में निकलते वक्त जान का खतरा पहले से ज्यादा बढ़ गया है।
  • रोज़गार और सुरक्षा दोनों दांव पर लगे हैं।

परिवारों की अपील है कि भारत सरकार तुरंत कूटनीतिक कदम उठाए और अपहृत मछुआरों को सुरक्षित वापस लाए।

भारत-पाक तनाव के बीच कूटनीतिक चिंता बढ़ी

भारत और पाकिस्तान के बीच समुद्री सीमा का मुद्दा पहले से ही संवेदनशील है। हर साल कई भारतीय मछुआरे गलती से या दबाव में सीमा के नज़दीक चले जाते हैं, और पाकिस्तान उन्हें पकड़ लेता है।लेकिन इस बार मामला और गंभीर हैयह सिर्फ हिरासत नहीं, बल्कि सीधा अपहरण बताया जा रहा है।कूटनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान समुद्री क्षेत्र में दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।यह भारत को उकसाने वाली कार्रवाई भी हो सकती है। आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा पर बड़े स्तर पर बातचीत हो सकती है।इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठा दिया है क्या भारतीय मछुआरे सुरक्षित हैं?क्या समुद्र में पाकिस्तान की मनमानी पर काबू पाया जा सकेगा?भारत कब तक ऐसी घटनाओं को कूटनीतिक तरीके से संभालता रहेगा?तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों की आजीविका इसी समुद्री सीमा से जुड़ी है।ऐसे में पाकिस्तानी मरीन एजेंसी की यह कार्रवाई न केवल मछुआरों के जीवन पर खतरा है, बल्कि भारत-पाक संबंधों में बढ़ते तनाव का नया अध्याय भी।

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