SCO 2025 शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान ने एक बड़ा कूटनीतिक कदम उठाया है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनिर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से टियांजिन में मुलाकात की। यह मुलाकात कई मायनों में खास रही क्योंकि यह मुनिर और शी जिनपिंग की पहली औपचारिक बैठक थी।
चीन-पाकिस्तान रिश्तों में नई गर्माहट?
इस बैठक का मुख्य एजेंडा था – चीन-पाकिस्तान रिश्तों को मजबूत करना, क्षेत्रीय शांति को बढ़ावा देना और आर्थिक व सुरक्षा सहयोग को नई दिशा देना। पाकिस्तान ने इसे अपने लिए एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश किया है, खासकर ऐसे समय में जब उसकी अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है और कूटनीतिक मोर्चे पर भी चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।
सेना प्रमुख और पीएम की संयुक्त पेशकश
असीम मुनिर और शहबाज शरीफ ने इस मुलाकात के दौरान न केवल रक्षा सहयोग की बात की, बल्कि व्यापार, निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट को भी एजेंडा में शामिल किया। खास बात यह है कि यह मीटिंग ऐसे समय में हुई है जब पाकिस्तान चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत अरबों डॉलर के कर्ज के बोझ तले दबा है।
बीजिंग की भव्य परेड में पाकिस्तान की मौजूदगी
मुलाकात के बाद, मुनिर और शहबाज शरीफ बीजिंग की भव्य सैन्य परेड में भी शामिल होंगे। यह कदम पाकिस्तान की ओर से चीन के साथ रक्षा संबंधों को दुनिया के सामने दिखाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। सवाल यह उठता है कि क्या पाकिस्तान की यह रणनीति वास्तव में उसके राष्ट्रीय हितों के लिए लाभदायक साबित होगी या सिर्फ एक ‘ग्लैमरस फोटो-ऑप’ बनकर रह जाएगी?
क्या पाकिस्तान की विदेश नीति बदल रही है?
पाकिस्तान की विदेश नीति लंबे समय से चीन पर निर्भर रही है। लेकिन SCO 2025 शिखर सम्मेलन के दौरान जो तस्वीर सामने आई है, वह बताती है कि पाकिस्तान अब भी चीन को अपनी मुख्य धुरी मानता है।
एक तरफ भारत SCO मंच पर अपनी स्वतंत्र विदेश नीति को मजबूत कर रहा है, वहीं पाकिस्तान अभी भी चीन की छाया में अपनी भूमिका तलाश रहा है।
भारत के लिए क्या संकेत?
यह मुलाकात भारत के लिए भी एक जियोपॉलिटिकल मैसेज है। पाकिस्तान ने चीन के साथ अपनी सैन्य साझेदारी को फिर से हाईलाइट किया है, जबकि भारत अपनी ओर से अमेरिका, जापान और यूरोपीय देशों के साथ रणनीतिक रिश्ते मजबूत कर रहा है।
क्या होगा असली नतीजा?
यह तो आने वाला समय बताएगा कि आसिम मुनिर और शहबाज शरीफ की यह चीन यात्रा पाकिस्तान के लिए गेमचेंजर साबित होगी या फिर सिर्फ एक राजनीतिक ड्रामा। लेकिन फिलहाल इतना साफ है कि पाकिस्तान ने इस मीटिंग को लेकर एक पावरफुल नैरेटिवतैयार कर लिया है।
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