विशाखापत्तनम से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण के काफिले की वजह से 25 से ज्यादा छात्रों की ज़िंदगी पर असर पड़ गया। दरअसल, ये सभी छात्र एक महत्वपूर्ण परीक्षा देने जा रहे थे। लेकिन रास्ते में ऐसा कुछ हुआ, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी।
क्या हुआ था?
इन छात्रों को चिन्नामुसिदिवाड़ा स्थित ION डिजिटल जोन में NIT की संयुक्त परीक्षा देने जाना था। परीक्षा सुबह 8:30 बजे शुरू होनी थी। लेकिन तभी शहर में पवन कल्याण का काफिला निकला और सुरक्षा के मद्देनज़र ट्रैफिक को रोक दिया गया।
रिजल्ट?
छात्र समय पर परीक्षा केंद्र नहीं पहुंच पाए और 25 से ज्यादा छात्र परीक्षा देने से वंचित रह गए। ये वही परीक्षा है जो देश के हज़ारों छात्रों के करियर का रास्ता तय करती है।
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परिजनों का ग़ुस्सा फूटा
छात्रों के परिजनों ने इस लापरवाही पर गहरी नाराज़गी जताई है। उनका कहना है कि एक नेता के काफिले के लिए बच्चों का भविष्य दांव पर नहीं लगाया जा सकता।
पुलिस की सफाई
मामला बढ़ता देख पुलिस की ओर से सफाई आई है। पुलिस का कहना है कि ट्रैफिक प्रतिबंध पहले से तय थे और इसकी जानकारी समय रहते दी गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ छात्रों को परीक्षा केंद्र तक पहुँचाने में मदद भी की गई थी।
अब सवाल उठता है
क्या वीआईपी मूवमेंट आम लोगों के हक़ पर भारी पड़ सकता है?क्या छात्रों के भविष्य से इस तरह का खिलवाड़ होना चाहिए?इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ट्रैफिक नियम और वीआईपी संस्कृति में आम जनता की प्राथमिकता कहां रह गई है।

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